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चार दिन बाद शेयर बाजारों की तेजी थमी, सेंसेक्स 150 अंक गिरा

शेयर बाजारों में चार दिन से जारी तेजी का दौर बुधवार को कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच मुनाफावसूली से थम गया और मानक सूचकांक सेंसेक्स 150 अंक से ज्यादा गिर गया. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला कायम रहने से भी घरेलू शेयर बाजार प्रभावित हुए.

सेंसेक्स
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Published : Jun 29, 2022, 6:38 PM IST

मुंबई : शेयर बाजारों में चार दिन से जारी तेजी का दौर बुधवार को कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच मुनाफावसूली से थम गया और मानक सूचकांक सेंसेक्स 150 अंक से ज्यादा गिर गया. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला कायम रहने से भी घरेलू शेयर बाजार प्रभावित हुए. उतार-चढ़ाव से भरे कारोबारी सत्र में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 150.48 अंक यानी 0.28 प्रतिशत गिरकर 53,026.97 अंक पर आ गया. कारोबार के दौरान एक समय यह 564.77 अंक यानी 1.06 प्रतिशत तक टूटकर 52,612.68 अंक तक आ गया था.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 51.10 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,799.10 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी के 50 में से 34 शेयर नुकसान में रहे. वहीं, सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 शेयर घाटे के साथ बंद हुए. इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, विप्रो, एचसीएल टेक, टाइटन, कोटक महिंद्रा और बजाज फाइनेंस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.

हालांकि, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईटीसी के शेयरों में बढ़त रहने से सेंसेक्स को थोड़ा समर्थन मिला. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, 'बाजारों में फिर से उठापटक रही और ये करीब आधा प्रतिशत के नुकसान में रहे. कमजोर वैश्विक संकेतों ने कारोबारी धारणा पर असर डाला. हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियों के शेयरों में खरीद होने से इस नुकसान की थोड़ी भरपाई हुई.'

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, द. कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट दर्ज की गई. यूरोप के बाजारों में भी दोपहर के सत्र में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहे थे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुद्रास्फीति में अनियंत्रित एवं सतत वृद्धि से उपभोक्ताओं का भरोसा बहुत तेजी से गिर रहा है. हालांकि, कुछ प्रमुख कंपनियों में मजबूती रहने से नुकसान कम करने में मदद मिली.

पढ़ें : शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 317 अंक से अधिक टूटा, निफ्टी में 100 अंकों की कमजोरी

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत बढ़कर 118.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय बाजारों से निकासी जारी है. शेयर बाजारों से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को एफआईआई ने 1,244.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : शेयर बाजारों में चार दिन से जारी तेजी का दौर बुधवार को कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच मुनाफावसूली से थम गया और मानक सूचकांक सेंसेक्स 150 अंक से ज्यादा गिर गया. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला कायम रहने से भी घरेलू शेयर बाजार प्रभावित हुए. उतार-चढ़ाव से भरे कारोबारी सत्र में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 150.48 अंक यानी 0.28 प्रतिशत गिरकर 53,026.97 अंक पर आ गया. कारोबार के दौरान एक समय यह 564.77 अंक यानी 1.06 प्रतिशत तक टूटकर 52,612.68 अंक तक आ गया था.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 51.10 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,799.10 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी के 50 में से 34 शेयर नुकसान में रहे. वहीं, सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 शेयर घाटे के साथ बंद हुए. इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, विप्रो, एचसीएल टेक, टाइटन, कोटक महिंद्रा और बजाज फाइनेंस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.

हालांकि, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईटीसी के शेयरों में बढ़त रहने से सेंसेक्स को थोड़ा समर्थन मिला. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, 'बाजारों में फिर से उठापटक रही और ये करीब आधा प्रतिशत के नुकसान में रहे. कमजोर वैश्विक संकेतों ने कारोबारी धारणा पर असर डाला. हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियों के शेयरों में खरीद होने से इस नुकसान की थोड़ी भरपाई हुई.'

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, द. कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट दर्ज की गई. यूरोप के बाजारों में भी दोपहर के सत्र में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहे थे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुद्रास्फीति में अनियंत्रित एवं सतत वृद्धि से उपभोक्ताओं का भरोसा बहुत तेजी से गिर रहा है. हालांकि, कुछ प्रमुख कंपनियों में मजबूती रहने से नुकसान कम करने में मदद मिली.

पढ़ें : शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 317 अंक से अधिक टूटा, निफ्टी में 100 अंकों की कमजोरी

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत बढ़कर 118.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय बाजारों से निकासी जारी है. शेयर बाजारों से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को एफआईआई ने 1,244.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

(पीटीआई-भाषा)

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