मुंबई: सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान के साथ खुले हैं. एनएसई पर निफ्टी 32 अंकों से ज्यादा गिरकर 19,650.20 पर खुला है. वहीं, बीएसई सेंसेक्स 115 अंक गिरकर 65,900.99 पर खुला. आज व्यापाक सूचकांक बड़े पैमाने पर लाल निशान के साथ ओपन हुए. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 100 अंकों तक लुढ़का हुआ है.
प्री-ओपन सेशन में बाजार में हल्की तेजी देखने को मिली. प्री-ओपन सेशन में निफ्टी 4 अंकों के साथ हरे निशान पर तो वहीं, सेंसेक्स करीब 75 अंकों के साथ तेजी में दिखा. इससे से साफ तौर पर पता चलता है कि मार्केट में आज भी दबाव बना हुआ है. बैंक निफ्टी अपने पिछले बंद 44,612 पर खुला है. वहीं अन्य क्षेत्रों को देखे तो सोमवार को मोटे तौर पर सकारात्मक क्षेत्र में ओपेन हुए है. वैसे देखे तो घरेलू शेयर मार्केट आज लगातार पांचवें दिन दबाव के साथ बना हुआ है.
एशिया के कमजोर संकेतों से दिन बर रुझान तय होने की संभावना है. एशियाई शेयर मार्केट में सोमवार को सतर्क रुख के साथ कारोबार हो सकता है. क्योंकि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने लंबे समय तक उच्च ब्याज दरों की चेतावनी दी और निवेशकों ने अमेरिका और यूरोप के प्रमुख मुद्रास्फीति आंकड़ों का इंतजार किया. सुधार के किसी भी संकेत के लिए बाजार चीन के आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर रखेंगे. इससे पहले भी कारोबार सप्ताह के आखिरी दिन भी बाजार लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ था.
16 पैसे की गिरावट के साथ रुपया पहुंच 83.10 प्रति डॉलर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया शुरुआती कारोबार 16 पैसे की गिरावट के साथ 83.10 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के साथ ही घरेलू बाजार के नकारात्मक रुख का असर रुपये पर पड़ा. विदेश मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी कोष की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी भारतीय मुद्रा की धारणा प्रभावित की.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.04 प्रति डॉलर पर खुला और फिर 83.10 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 16 पैसे की गिरावट है. शुक्रवार को रुपया 82.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.58 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.19 फीसदी की बढ़त के साथ 93.45 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.