मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स करीब 308 अंक टूट गया. मौद्रिक समीक्षा में बैंकों से अतिरिक्त नकदी लेने की अप्रत्याशित घोषणा के बाद बाजार नीचे आया. अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले निवेशक थोड़े सतर्क भी रहे. आरबीआई ने गुरुवार को लगातार तीसरी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा. हालांकि, उसने संकेत दिया कि अगर खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ती है, तो वह कड़ा मौद्रिक रुख अपना सकता है.
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 307.63 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,688.18 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 486.67 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 89.45 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,543.10 अंक पर बंद हुआ.
कोटक चेरी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीकांत सुब्रमण्यम ने कहा, 'आरबीआई ने वृद्धि को समर्थन देने के साथ नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. साथ ही उदार रुख को वापस लेने की बात कही है. बाजार प्रतिभागी कम आक्रामक रुख की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन गवर्नर ने अपने संबोधन में सतर्कता दिखाई है.’
सेंसेक्स के शेयरों में एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, नेस्ले, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, मारुति और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाइटन, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा और पावरग्रिड शामिल हैं.
यस सिक्योरिटीज (इंडिया) लि. के समूह अध्यक्ष और प्रमुख अमर अंबानी (संस्थागत इक्विटीज) ने कहा, ‘दो हजार रुपये के नोट वापस आने और अन्य कारणों बाजार से अतिरिक्त नकदी वापस लेने के आरबीआई के कदम से बाजार अचंभित हुआ है. आरबीआई ने बैंकों में अतिरिक्त नकदी लेने के लिये वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया है.
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान के साथ बंद हुआ. यूरोपीय बाजार शुरुआती कारोबार में लाभ में रहे. अमेरिकी बाजार में बुधवार को गिरावट रही थी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘आरबीआई के मुद्रास्फीति अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतियात करने से महंगाई को लेकर चिंता सामने आई है. इससे नीतिगत दर में हाल-फिलहाल कटौती की संभावना अब नहीं दिख रही. इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने वृद्धिशील सीआरआर के माध्यम से नकदी को नियंत्रित करने के लिये उपाय किये हैं. इससे बैंक क्षेत्र की धारणा प्रभावित हुई.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे हालात में निवेशकों की नजर अमेरिका में गुरुवार को और भारत में सोमवार को जारी होने वाली मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी.’ शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिन से लगातार बिकवाल रहने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने 644.11 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.05 प्रतिशत चढ़कर 87.59 डॉलर प्रति बैरल रहा.
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(पीटीआई- भाषा)