नयी दिल्ली: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को छह फीसदी पर सोमवार को बरकरार रखा. अमेरिका स्थित एजेंसी ने विश्व अर्थव्यवस्था के धीमी होने, सामान्य से कम मानसून के बढ़ते जोखिम और दरों में बढ़ोतरी के लंबित प्रभाव का हवाला देते हुए अनुमान छह फीसदी पर बरकरार रखा. हालांकि एजेंसी ने सब्जियों की कीमत में हालिया बढ़ोतरी को अस्थायी माना है. लेकिन उच्च वैश्विक तेल कीमतों पर पूर्ण राजकोषीय खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के पांच फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया.
एसएंडपी ने 'इकोनॉमिक आउटलुक फॉर एशिया पैसिफिक क्वार्टर-4 2023' रिपोर्ट में कहा, "इस साल वृद्धि दर 2022 की तुलना में कमजोर रहेगी. लेकिन हमारा दृष्टिकोण मोटे तौर पर अनुकूल बना हुआ है. जून तिमाही में भारत में मजबूत विस्तार के बावजूद, धीमी विश्व अर्थव्यवस्था, दरों में बढ़ोतरी के लंबित प्रभाव और असामान्य मानसून के बढ़ते जोखिम को देखते हुए, हम वित्तीय वर्ष 2024 (मार्च 2024 को समाप्त) के लिए अपना अनुमान बरकरार रखते हैं."
मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी बढ़ी थी. एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान को छह फीसदी पर बरकरार रखते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2024-25 और 2025-26 वित्तीय वर्षों में 6.9 फीसदी बढ़ेगी. एसएंडपी ने कहा कि जून तिमाही में भारत की उपभोग वृद्धि के साथ-साथ पूंजीगत व्यय भी "मजबूत" रहा. एशिया प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि पर एसएंडपी ने कहा कि यह एक "मल्टी-स्पीड" क्षेत्र बना हुआ है. घरेलू लचीलेपन के बीच 2023 के लिए अपने अनुमान को थोड़ा बढ़ाकर 3.9 प्रतिशत कर दिया.