नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस का दावा है कि 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास एशिया के विकास पर निर्भर करेगा. रेटिंग एजेंसी का आकलन है कि क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौतों, कुशल आपूर्ति श्रृंखलाओं और प्रतिस्पर्धी लागत के कारण ऐसा होगा. एजेंसी ने कहा है कि एशिया इस समय ही विश्व जीडीपी में 35 प्रतिशत का योगदान करता है. एजेंसी ने बुधवार को एक नोट में कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया और भारत को राजनीतिक रूप से दुनिया के चीन से दूर होने और व्यापार विविधीकरण का लाभ मिलेगा.
इस बीच, यह भी उम्मीद है कि मध्य पूर्व और अफ्रीका के ऊर्जा और खनिज उत्पादक क्षेत्रों में भी मध्यम वृद्धि हासिल होगी. अमेरिका के बारे में एजेंसी ने कहा कि मौद्रिक नीति के कड़े होने के कारण चल रही वित्तीय स्थितियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 2022 की चौथी तिमाही से शुरू होकर 2023 की दूसरी तिमाही तक हल्के मंदी की ओर ले जाएंगी. रेटिंग एजेंसी ने इस महीने 2023 में अमेरिकी वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 0.9 से घटाकर (-) 0.5 प्रतिशत कर दिया है.
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एजेंसी का कहना है कि शुरुआती रिकवरी सुस्त है. जिससे 2024 में वास्तविक जीडीपी विकास दर केवल 1.3% रहने की उम्मीद है. मंदी रोजगार और औद्योगिक उत्पादन में उलटफेर लाएगी. एजेंसी ने कहा कि हम अमेरिका में बेरोजगारी दर से बढ़ने का अनुमान लगाते हैं. सितंबर में 3.5 प्रतिशत से 2023 के अंत तक 6.0 प्रतिशत हो सकता है. वैश्विक मुद्रास्फीति पर एजेंसी ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति लक्ष्यों को प्राप्त करना एक बहुवर्षीय प्रक्रिया होगी. 2023 में महत्वपूर्ण प्रगति की संभावनाएं हैं.
वैश्विक उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 2022 में 7.7 प्रतिशत से कम होकर 2023 में 5.1 प्रतिशत और 2024 में 3.0 प्रतिशत होने का अनुमान है, बशर्ते उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति 2.1 प्रतिशत पर स्थिर हो. वैश्विक वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2021 में 5.9 प्रतिशत से कम होकर इस वर्ष 2.8 प्रतिशत और 2023 में 1.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. एजेंसी का इशारा है कि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं मिलकर एकमुश्त मंदी को टाल सकती हैं. अब 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मंदी की संभावना दिखाई दे रही है.
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ये ऐसी अर्थव्यवस्थाएं जो वैश्विक उत्पादन का आधा उत्पादन करती रही हैं. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में आर्थिक अनुसंधान के कार्यकारी निदेशक सारा जॉनसन ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि मुद्रास्फीति असहज रूप से उच्च बनी हुई है. वित्तीय बाजार की स्थिति सख्त है. आने वाले महीनों में यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में मंदी आने की संभावना है. एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका में मध्यम विकास के साथ विश्व अर्थव्यवस्था मंदी से बच सकती है, लेकिन विकास न्यूनतम होगा.
(एएनआई)