मुंबई: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 18 पैसे की तेजी के साथ 79.06 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो करीब चार सप्ताह का उच्चतम स्तर है. इस तेजी का कारण वैश्विक बाजारों में डॉलर का कमजोर होना और कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट है. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में भारी तेजी, मजबूत पीएमआई आंकड़ों तथा निवेशकों के जोखिम लेने की धारणा में सुधार से रुपया मजबूत हुआ.
शेयर बाजार में तेजी तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण रुपया मजबूती के साथ 79.16 के स्तर पर खुला. कारोबार के दौरान एक समय रुपया 79.00 के उच्चस्तर और 79.22 के निचले स्तर पर भी रहा. लेकिन कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की तेजी के साथ 79.06 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी के अनुसार, निवेशकों की जोखिम लेने की धारणा में सुधार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा कमजोर अमेरिकी डॉलर के कारण भारतीय रुपये में तेजी आई.
यह भी पढ़ें- आज से बदल गए ये 4 नियम, जो डालेंगे आप पर प्रभाव, पढ़ें खबर
इसके अलावा, भारत का विनिर्माण पीएमआई आंकड़ा जून के 53.9 की तुलना में जुलाई में बढ़कर 56.4 हो गया और इससे भी रुपये को समर्थन मिला. उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और सकारात्मक वैश्विक जोखिम लेने की धारणाओं का रुपये पर मिश्रित से लेकर सकारात्मक असर होगा. एफआईआई निवेश और कच्चे तेल की कमजोर कीमतें भी रुपये का समर्थन कर सकती हैं.' इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.52 प्रतिशत गिरकर 105.34 पर आ गया. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड भी 1.21 प्रतिशत गिरकर 102.71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया.