चेन्नई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में घोषणा की है कि 2,000 रुपये के नोट जल्द ही चलन से बाहर हो जाएंगे. हालांकि केंद्रीय बैंक ने 30 सितंबर 2023 तक नोटो को बैंक में जाकर बदलने का समय दिया है. इसका मतलब है कि 22 मई से 30 सितबंर तक नोटों को बदलने का समय है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी की थी. इसके बाद से ही 200 और 2000 के नए नोट चलन में आएं थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आरबीआई ने क्यों 2000 के नोट चलन से बाहर करने का फैसला किया है.
नोट की जालसाजी : 2,000 रुपये के नोट में जालसाजी के बढ़ते फैक्टर एक कारण हो सकते हैं. वित्त वर्ष 2022 के लिए आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 के दौरान 17,020 रुपये 2,000 मूल्यवर्ग के नकली नोटों का पता चला और वित्त वर्ष 2021 में यह संख्या घटकर 8,798 हो गई, लेकिन वित्त वर्ष 2022 में यह संख्या अचानक बढ़कर 13,604 हो गई.
नोटों की लोकप्रियता : आरबीआई के अनुसार आमतौर पर लोग 2000 रुपये के नोट का ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 100 रुपये के नोटों को सबसे अधिक पसंद किया गया, जबकि 2,000 रुपये को लोगों द्वारा सबसे कम पसंद किया गया. कम मूल्यवर्ग के नोटों को प्राथमिकता देने वाले लोग भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उस नोट को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा करने के कारण हो सकते हैं.
छपाई पर किया जाने वाला खर्च : आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2012 में मुद्रा नोटों की छपाई के लिए 4984.80 करोड़ रुपये खर्च किए थे. जो वित्त वर्ष 21 के दौरान खर्च किए गए 4,012.09 करोड़ रुपये थे. वहीं, 2020 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल बैंक ने 2,000 रुपए के एक नोट की छपाई पर 3.54 रुपए खर्च किए थे. विदित हो कि RBI ने वित्त वर्ष 2019 के दौरान 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी. शुक्रवार को आरबीआई ने क्रमिक तरीके से 2,000 रुपये के बैंक नोटों को वापस लेने का ऐलान किया है.
नोट के सर्कुलेशन में कमी : 31 मार्च 2018 तक 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार के सर्कुलेशन में थे. जो कि 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया. यानी चलन में मौजूद कुल नोटों में से दो हजार रुपये की नोटों की हिस्सेदारी सिर्फ 10.8 फीसदी ही रह गई है.
आपको बता दें कि आरबीआई 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोट जारी करता है. प्रचलन में 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के शामिल हैं. गौरतलब है कि 1 रुपये का नोट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है.