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RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया, बढ़ जाएगी आपकी EMI - आरबीआई रेपो रेट पर शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा था. मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था.

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास
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Published : Aug 5, 2022, 9:24 AM IST

Updated : Aug 5, 2022, 11:01 AM IST

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy 2022) की अगस्त 2022 की बैठक आज शुक्रवार को संपन्न हो गई. बुधवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के बाद आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने बताया कि इस बार रेपो रेट (Repo Rate Hike) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है. अब इसका असर लोगों के होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) पर दिखने वाला है.

4 महीने में तीसरी बार हुई बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक पहले सोमवार से बुधवार तक होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टालना पड़ा था. रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने (Repo Rate Hike) की शुरुआत की है. रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा था. मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था. आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है.

महंगाई से फिलहाल राहत नहीं
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा हे. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही. भू-राजनीतिक घटनाक्रमों में तेजी से आ रहे बदलाव के बीच ग्लोबल फूड प्राइसेज में नरमी, यूक्रेन से गेहूं के निर्यात की पुन: शुरुआत, घरेलू बाजार में खाने के तेल के दाम में नरमी और अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी से आने वाले समय में महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. हालांकि इसके बाद भी खुदरा महंगाई की दर ऊंची बनी रहने वाली वाली है.

क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से उन्हें ब्याज मिलता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.

क्या है एमपीसी
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं. बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं.

पिछली बार इतनी हुई थी बढ़ोतरी
खुदरा महंगाई दर लगातार 7 फीसदी से अधिक बनी हुई है. अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में इजाफा करता है, तो बैंक लोन पर लगने वाले ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. लगातार बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है.

पढ़ें: रेपो दर में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञ

महंगाई दर
जून के महीने में मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही थी. ये लगातार छठा मौका था, जब महंगाई दर रिजर्व बैंक (RBI) के तय लक्ष्य सीमा से ऊपर रही थी. जुलाई महीने के आंकड़े अभी आने बाकी हैं. मई के महीने में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी. अप्रैल के महीने में खुदरा मंहगाई दर 7.79 फीसदी दर्ज की गई थी. खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) जून में 7.75 फीसदी रही थी, जो मई महीने में 7.97 फीसदी दर्ज की गई थी.

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy 2022) की अगस्त 2022 की बैठक आज शुक्रवार को संपन्न हो गई. बुधवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के बाद आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने बताया कि इस बार रेपो रेट (Repo Rate Hike) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है. अब इसका असर लोगों के होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) पर दिखने वाला है.

4 महीने में तीसरी बार हुई बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक पहले सोमवार से बुधवार तक होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टालना पड़ा था. रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने (Repo Rate Hike) की शुरुआत की है. रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा था. मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था. आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है.

महंगाई से फिलहाल राहत नहीं
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा हे. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही. भू-राजनीतिक घटनाक्रमों में तेजी से आ रहे बदलाव के बीच ग्लोबल फूड प्राइसेज में नरमी, यूक्रेन से गेहूं के निर्यात की पुन: शुरुआत, घरेलू बाजार में खाने के तेल के दाम में नरमी और अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी से आने वाले समय में महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. हालांकि इसके बाद भी खुदरा महंगाई की दर ऊंची बनी रहने वाली वाली है.

क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से उन्हें ब्याज मिलता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.

क्या है एमपीसी
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं. बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं.

पिछली बार इतनी हुई थी बढ़ोतरी
खुदरा महंगाई दर लगातार 7 फीसदी से अधिक बनी हुई है. अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में इजाफा करता है, तो बैंक लोन पर लगने वाले ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. लगातार बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है.

पढ़ें: रेपो दर में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञ

महंगाई दर
जून के महीने में मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही थी. ये लगातार छठा मौका था, जब महंगाई दर रिजर्व बैंक (RBI) के तय लक्ष्य सीमा से ऊपर रही थी. जुलाई महीने के आंकड़े अभी आने बाकी हैं. मई के महीने में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी. अप्रैल के महीने में खुदरा मंहगाई दर 7.79 फीसदी दर्ज की गई थी. खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) जून में 7.75 फीसदी रही थी, जो मई महीने में 7.97 फीसदी दर्ज की गई थी.

Last Updated : Aug 5, 2022, 11:01 AM IST
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