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RBI ने GDP वृद्धि का अनुमान 6.5 फीसदी पर रखा बरकरार, साल भर का ऐसा बनाया प्लान

भारतीय रिजर्व बैंक ने GDP को लेकर साकारात्मक वृद्धि का अनुमान लगाया है (RBI on GDP Growth). केंद्रीय बैंक ने घरेलू मांग को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. पढ़ें पूरी खबर...

RBI on GDP growth
जीडीपी ग्रोथ पर आरबीआई का अनुमान
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Published : Jun 8, 2023, 11:57 AM IST

मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिये GDP वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि घरेलू मांग की दशाएं सकारात्मक बनी हुई हैं., जिसे देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के वृद्धि अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था.

जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2023-24 के लिए दूसरी द्विमासिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि में सहायक बनी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग पटरी पर लौट रही है. RBI Governor Shaktikanta Das ने बताया कि 2022-23 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी. इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत हो गई, जिसके पहले 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

  • India's real Gross Domestic Product (GDP) recorded a growth of 7.2% in 2022-23, stronger than the earlier estimate of 7%. It has surpassed its pre-pandemic level by 10.1%...Taking all factors into consideration, the real GDP growth for the year 2023-24 is projected at 6.5%: RBI… pic.twitter.com/QRyq8vEW2B

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इन कारणो से अर्थव्यवस्था के बेहतर होने की उम्मीद
दास ने कहा कि 2022-23 में रबी फसल का उत्पादन अच्छा रहने, सामान्य मानसून और सेवाओं में लगातार उछाल से निजी खपत को बढ़ावा मिला. ऐसे में चालू वर्ष के दौरान समग्र आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिलना चाहिए. मौद्रिक नीति बयान 2023-24 में कहा गया कि पूंजीगत व्यय पर सरकार का जोर, महंगाई में कमी और मजबूत लोन वृद्धि से निवेश गतिविधि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसमें नकारात्मक पहलुओं का जिक्र करते हुए कमजोर बाहरी मांग और भू-राजनीतिक तनाव का उल्लेख किया गया.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा-
'इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2023-24 के लिए वास्तविक Gross Domestic Product (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रह सकती है.'

(पीटीआई- भाषा)

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जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2023-24 के लिए दूसरी द्विमासिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि में सहायक बनी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग पटरी पर लौट रही है. RBI Governor Shaktikanta Das ने बताया कि 2022-23 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी. इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत हो गई, जिसके पहले 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

  • India's real Gross Domestic Product (GDP) recorded a growth of 7.2% in 2022-23, stronger than the earlier estimate of 7%. It has surpassed its pre-pandemic level by 10.1%...Taking all factors into consideration, the real GDP growth for the year 2023-24 is projected at 6.5%: RBI… pic.twitter.com/QRyq8vEW2B

    — ANI (@ANI) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इन कारणो से अर्थव्यवस्था के बेहतर होने की उम्मीद
दास ने कहा कि 2022-23 में रबी फसल का उत्पादन अच्छा रहने, सामान्य मानसून और सेवाओं में लगातार उछाल से निजी खपत को बढ़ावा मिला. ऐसे में चालू वर्ष के दौरान समग्र आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिलना चाहिए. मौद्रिक नीति बयान 2023-24 में कहा गया कि पूंजीगत व्यय पर सरकार का जोर, महंगाई में कमी और मजबूत लोन वृद्धि से निवेश गतिविधि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसमें नकारात्मक पहलुओं का जिक्र करते हुए कमजोर बाहरी मांग और भू-राजनीतिक तनाव का उल्लेख किया गया.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा-
'इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2023-24 के लिए वास्तविक Gross Domestic Product (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रह सकती है.'

(पीटीआई- भाषा)

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