नई दिल्ली : केंद्र ने मंगलवार को कहा कि स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग की व्यवस्था 16 जून से प्रभाव आ जाएगी. इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और शुरू में 256 जिलों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा.
हॉलामार्किंग मूल्यवान धातु की शुद्धता का प्रमाणपत्र है और फिलहाल यह व्यवस्था स्वैच्छिक रखी गई थी. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में उद्योग जगत के साथ बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया.
गौरतलब है कि सरकार ने 2019 में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों पर 15 जनवरी, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने की घोषणा की थी. लेकिन बाद में समयसीमा चार महीने के लिये एक जून तक बढ़ा दी गई. पुन: जौहरियों की महामारी के कारण समयसीमा आगे बढ़ाए जाने के अनुरोध के बाद इसे 15 जून कर दिया गया.
अगस्त 2021 तक नहीं लगेगा कोई जुर्माना
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद ट्वीट किया, हमारी सरकार का ग्राहकों की बेहतर सुरक्षा और संतुष्टि का निरंतर प्रयास रहा है. इसी कड़ी में 16 जून, 2021 में 256 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है. अगस्त 2021 तक इस मामले में कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा, अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और शुरू में 256 जिलों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा, जहां मूल्यवान धातु की शुद्धता की जांच के लिए केंद्र हैं. सचिव ने कहा कि बैठक में उद्योग की चिंताओं को दूर किया गया है.
आधिकारिक बयान के अनुसार, गहन विचार-विमर्श के बाद सरकार ने आभूषण क्षेत्र में कुछ इकाइयों के लिए अनिवार्य हॉलामार्किंग व्यवस्था से छूट दी है. उदाहरण के लिए 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले आभूषण निर्माताओं को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी.
इन इकाइयों को मिलेगी छूट
इस व्यवस्था से उन इकाइयों को भी छूट दी गई है, जो सरकार की व्यापार नीति के तहत आभूषण का निर्यात और पुन: आयात करते हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के साथ-साथ सरकार की मंजूरी वाले बी2बी (व्यापारियों के बीच) घरेलू प्रदर्शनी के लिए भी इससे छूट होगी.
बयान के अनुसार, 16 जून से 256 जिलों के जौहरियों को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी. अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी.
सरकार ने घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है. बयान के अनुसार, जौहरी उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीदना जारी रख सकते हैं. पुराने आभूषणों को पिघलाने और नए आभूषण बनाने के बाद जौहरी द्वारा व्यावहारिक होने पर हॉलमार्क किया जा सकता है.
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सरकार ने इस मुद्दे को देखने के लिए सभी पक्षों, राजस्व अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय किया है.
सोने पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से लोग धोखाधड़ी से बचेंगे और उन्हें शुद्धता के लिहाज से वही चीज मिलेगी, जिसके लिए उन्होंने भुगतान किया है. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है. वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है.
(पीटीआई-भाषा)