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Layoff in IT Sectors: इन बड़ी कंपनियों में होने वाली है हजारों लोगों की छंटनी, जानें वजह - laid off people

विश्व में स्टार्टअप (Startups in the world) सहित टेक कंपनियों ने बड़ें मात्रा में छंटनी (retrenchment) शुरू कर दी है. इस छंटनी में भारत के कई टेक कंपनियां बी शामिल है. पढ़ें पूरे खबर में उन कंपनियों के बारे में....

Layoff in IT Sectors
कंपनियों में छंटनी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 5:36 PM IST

नई दिल्ली: विश्व में स्टार्टअप सहित टेक कंपनियों (tech companies) ने पिछले दो सालों में 4,00,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है. इन स्टार्टअप सहित टेक कंपनियों में दुनिया की बड़ी-बड़ी प्रमुख कंपनियां शामिल है. वहीं, इस नंबर में 10 से ज्यादा इंडियन कंपनी शामिल है, जिसमें 30,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाला गया है. वैश्विक व्यापक आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए, बिग टेक फर्मों और स्पेक्ट्रम स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों को निकाल रही है.

आईटी सेक्टर (IT Sectors) को सबसे अधिक जॉब देने वाला सेक्टर माना जाता है. आईटी सेक्टर (IT Sectors) में फिलहाल हालात ठीक होते नहीं दिख रहे है. पिछले छह महीनों में कई लोगों की नौकरियां गई हैं. आने वाले महीनों में भी नौकरियां घटती नजर आ रही है. आईटी सेक्टर की कंपनियों ने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करने शुरू कर दिए हैं. देश की बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने भी इसकी शुरुआत कर दी है. इस लिस्ट में इंफोसिस और एचसीएल टेक भी शामिल होते नजर आ रहे है.

अप्रैल-जून तिमाही के बाद से आईटी सेक्टर में रोजगार के मामले में स्थिति खराब होती दिख रही है. आईटी कंपनियों के वित्तीय नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले छह महीनों के दौरान इन कंपनियों में हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी है. इसका मेन कारण कंपनियों द्वारा अपनाए जा रहे लागत बचत के उपाय, खाली पदों के लिए लोगों को न ढूंढ पाना और नियुक्तियों की कमी बताई जा रही है.

इन कंपनियों ने छंटनी के दिए संकेत :-

  1. टीसीएस- भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने इसी हफ्ते अपने नतीजे जारी किए है. कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी ने बताया है कि सितंबर तिमाही में टोटल कर्मचारियों की संख्या में करीब 6000 की कमी आई है. उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले महीनों में भी कर्मचारियों की कुल संख्या इसी तरह कम हो सकती है.
  2. इंफोसिस- सितंबर तिमाही के दौरान इंफोसिस में 7,530 कर्मचारियों की संख्या घटी है. इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 6,940 घटी थी. आने वाले महीनों को लेकर इंफोसिस का कहना है कि फिलहाल कैंपस हायरिंग करने की जरूरत नहीं है.
  3. BYJU'S- BYJU'S ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छंटनी BYJU'S की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड तक सीमित रहेगी और इसमें इसकी सहायक कंपनियां शामिल नहीं हैं.
  4. क्वालकॉम- इस साल दिसंबर में क्वालकॉम सैकड़ों नौकरियों में कटौती करने के लिए तैयार है. कैलिफोर्निया रोजगार विकास विभाग के साथ अपनी हालिया फाइलिंग में, क्वालकॉम ने दावा किया कि लगभग 1,064 सैन डिएगो-आधारित कर्मचारी और 194 सांता क्लारा-आधारित कर्मचारी छंटनी से प्रभावित होंगे. बता दें कि उनकी कुल कर्मचारियों की संख्या का करीब 2.5 फीसदी है.
  5. स्नैपचैट- स्नैपचैट की मूल कंपनी स्नैप कथित तौर पर अपने 20 फीसदी यानी की लगभग 1,280 कर्मचारी को निकालने का फैसला की है. फिलहाल स्नैप में 6,400 से अधिक कर्मचारी हैं. इसका मतलब है कि लगभग 1,280 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.

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नई दिल्ली: विश्व में स्टार्टअप सहित टेक कंपनियों (tech companies) ने पिछले दो सालों में 4,00,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है. इन स्टार्टअप सहित टेक कंपनियों में दुनिया की बड़ी-बड़ी प्रमुख कंपनियां शामिल है. वहीं, इस नंबर में 10 से ज्यादा इंडियन कंपनी शामिल है, जिसमें 30,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाला गया है. वैश्विक व्यापक आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए, बिग टेक फर्मों और स्पेक्ट्रम स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों को निकाल रही है.

आईटी सेक्टर (IT Sectors) को सबसे अधिक जॉब देने वाला सेक्टर माना जाता है. आईटी सेक्टर (IT Sectors) में फिलहाल हालात ठीक होते नहीं दिख रहे है. पिछले छह महीनों में कई लोगों की नौकरियां गई हैं. आने वाले महीनों में भी नौकरियां घटती नजर आ रही है. आईटी सेक्टर की कंपनियों ने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करने शुरू कर दिए हैं. देश की बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने भी इसकी शुरुआत कर दी है. इस लिस्ट में इंफोसिस और एचसीएल टेक भी शामिल होते नजर आ रहे है.

अप्रैल-जून तिमाही के बाद से आईटी सेक्टर में रोजगार के मामले में स्थिति खराब होती दिख रही है. आईटी कंपनियों के वित्तीय नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले छह महीनों के दौरान इन कंपनियों में हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी है. इसका मेन कारण कंपनियों द्वारा अपनाए जा रहे लागत बचत के उपाय, खाली पदों के लिए लोगों को न ढूंढ पाना और नियुक्तियों की कमी बताई जा रही है.

इन कंपनियों ने छंटनी के दिए संकेत :-

  1. टीसीएस- भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने इसी हफ्ते अपने नतीजे जारी किए है. कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी ने बताया है कि सितंबर तिमाही में टोटल कर्मचारियों की संख्या में करीब 6000 की कमी आई है. उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले महीनों में भी कर्मचारियों की कुल संख्या इसी तरह कम हो सकती है.
  2. इंफोसिस- सितंबर तिमाही के दौरान इंफोसिस में 7,530 कर्मचारियों की संख्या घटी है. इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 6,940 घटी थी. आने वाले महीनों को लेकर इंफोसिस का कहना है कि फिलहाल कैंपस हायरिंग करने की जरूरत नहीं है.
  3. BYJU'S- BYJU'S ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छंटनी BYJU'S की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड तक सीमित रहेगी और इसमें इसकी सहायक कंपनियां शामिल नहीं हैं.
  4. क्वालकॉम- इस साल दिसंबर में क्वालकॉम सैकड़ों नौकरियों में कटौती करने के लिए तैयार है. कैलिफोर्निया रोजगार विकास विभाग के साथ अपनी हालिया फाइलिंग में, क्वालकॉम ने दावा किया कि लगभग 1,064 सैन डिएगो-आधारित कर्मचारी और 194 सांता क्लारा-आधारित कर्मचारी छंटनी से प्रभावित होंगे. बता दें कि उनकी कुल कर्मचारियों की संख्या का करीब 2.5 फीसदी है.
  5. स्नैपचैट- स्नैपचैट की मूल कंपनी स्नैप कथित तौर पर अपने 20 फीसदी यानी की लगभग 1,280 कर्मचारी को निकालने का फैसला की है. फिलहाल स्नैप में 6,400 से अधिक कर्मचारी हैं. इसका मतलब है कि लगभग 1,280 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.

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