नई दिल्ली: भारत में विनिर्माण गतिविधियां नवंबर में शानदार रहीं है. मुख्य रूप से बढ़ती कीमतों का दबाव कम होने और ग्राहकों की मजबूत मांग से गतिविधियां बेहतर हुईं. शुक्रवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. विनिर्माण क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) नवंबर में 56 रहा. अक्टूबर में यह आठ महीने के निचले स्तर 55.5 पर था. पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार है जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है.
एसएंडपी के अनुसार विनिर्माण गतिविधियां बेहतर होने का एक मुख्य कारण बढ़ती कीमतों के दबाव का कम होना है. हालांकि औसत क्रय लागत फिर से बढ़ गई है, मुद्रास्फीति की दर मौजूदा 40-महीने की वृद्धि के क्रम में सबसे कम रही. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत के विनिर्माण उद्योग ने नवंबर में अपना मजबूत प्रदर्शन कायम रखा। उत्पादन में वृद्धि की गति फिर से बढ़ गई.
उन्होंने कहा कि कंपनियों की घरेलू तथा विदेश दोनों जगह से नए व्यवसाय को सुरक्षित करने की क्षमता, इस क्षेत्र की सफलता के लिए केंद्रीय बनी रही. निरंतर नए ऑर्डर मिलना क्षेत्र के श्रम बाजार के लिए अच्छी खबर बनी हुई है। भर्तियां भी बढ़ी हैं. लीमा ने कहा कि विस्तारित क्षमताओं, बढ़ते कार्यभार तथा तैयार माल के भंडार को फिर से भरने की आवश्यकता ने सामूहिक रूप से संकेत दिया कि भारत की विनिर्माण अर्थव्यवस्था स्पष्ट रूप से अच्छी स्थिति में है क्योंकि 2023 खत्म होने की कगार पर है. 2024 में निरंतर मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है. यह सर्वेक्षण एसएंडपी ग्लोबल द्वारा करीब 400 निर्माताओं की एक समिति के क्रय प्रबंधकों को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों के आधार पर तैयार किया गया है.