नई दिल्ली : भारतीय स्टार्टअप्स ने मोटे तौर पर मैक्रोइकॉनॉमिक सिचुएशन और फंडिंग विंटर के बीच जनवरी में लगभग 1.2 अरब डॉलर जुटाए. स्टार्टअप न्यूज पोर्टल एनट्रेकर की एक शाखा, फिनट्रेकर के डेटा के अनुसार, ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने 2023 के पहले महीने में 926 मिलियन डॉलर के 22 सौदे किए. ऑपनिंग स्टेज के स्टार्टअप्स को 67 सौदों में 265 मिलियन डॉलर मिले. जबकि 12 स्टार्टअप्स ने लेन-देन के विवरण का खुलासा नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती दौर के स्टार्टअप्स के लिए औसत डील साइज लगभग 4 मिलियन डॉलर था.
टॉप पर काबिज हुई ये दो कंपनियां
Phonepe के 350 मिलियन डॉलर और CreditB की 120 मिलियन डॉलर फंडिंग राउंड का जनवरी में कुल वित्तपोषण का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा था. ई-कॉमर्स (डी2सी स्टार्टअप्स सहित) सेगमेंट में अधिक सौदे हुए और कुल फंडिंग में 587 मिलियन डॉलर के साथ फिनटेक का दबदबा बना रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि बेंगलुरु 60 सौदों के साथ सबसे आगे रहने वाला शहर था. जबकि दिल्ली-एनसीआर में 15 सौदे हुए. भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने जनवरी में सभी सेगमेंट में 18 विलय और अधिग्रहण देखें. फाइनेंशियल इयर 2022 (मूल्य के संदर्भ में) में फंडिंग गतिविधि के 88 प्रतिशत के लिए ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग सौदों का हिसाब है.
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रोथ-स्टेज डील में औसत टिकट साइज 43 मिलियन डॉलर था और लेट-स्टेज डील में फाइनेंशियल इयर 2022 के दौरान 94 मिलियन डॉलर था. हालांकि, भारतीय स्टार्टअप्स ने को कॉस्ट कटिंग और रिस्ट्रक्चरिंग के नाम पर पिछले दिनों हजारों युवा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया. इन स्टार्टअप्स में बायजूस, अनएकेडमी, वेदांतू, ब्लिंकइट आदि कई बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने अच्छी-खासी स्थिर नौकरियां छोड़कर स्टार्टअप का हिस्सा बने युवाओं को कंपनी से एक झटके में निकाल दिया.
(आईएएनएस)
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