नई दिल्ली: मजबूत घरेलू इन्फ्लेशन के दम पर भारत वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. वित्त मंत्रालय ने मंथली इकोनॉमी रिव्यू जारी कर बताया है. फारस की खाड़ी में हाल के घटनाक्रमों से वैश्विक अनिश्चितताएं बढ़ गई है. इसके आधार पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं. इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी की निरंतर आपूर्ति और अमेरिका में निरंतर सीमित रूप से मौद्रिक नीति (मौद्रिक नीति को और सख्त करने से इनकार नहीं किया गया है) के कारण वित्तीय स्थितियां रिस्ट्रिक्टिव हो सकती हैं.
आईएमएफ ने भी भारत के विकास दर को बढ़ाया
फिलहाल, अमेरिकी शेयर बाजारों में ऊपर की तुलना में गिरावट का जोखिम अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि नकारात्मक पक्ष का जोखिम साकार होता है, तो इसका प्रभाव अन्य बाजारों पर भी पड़ेगा. यदि ये जोखिम बिगड़ते हैं और बने रहते हैं, तो वे भारत सहित अन्य देशों में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि, रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत का व्यापक आर्थिक अप्रोच उज्ज्वल और मजबूत घरेलू बुनियादी बातों पर आधारित है. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि जलाशय के स्तर में सुधार आने वाले रबी सीजन के लिए अच्छा संकेत है.
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Ministry of Finance @FinMinIndia releases Monthly Economic Review #MER for September 2023.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मुख्य मुद्रास्फीति लगातार घट रही है जबकि खाद्य मुद्रास्फीति कम हुई है. मंत्रालय ने कहा कि कम व्यापार घाटे और विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति के साथ, भारत का विदेशी खाता मजबूत दिखता है. साथ कहा गया है कि आईएमएफ के अनुमान भी पुष्टि करते हैं, भारत वित्त वर्ष 2024 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2014 के लिए वैश्विक विकास अनुमान को 3 फीसदी पर अपरिवर्तित रखते हुए, आईएमएफ ने अक्टूबर में भारत के लिए अपने विकास अनुमान को 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया.