नई दिल्ली : एचडीएफसी बैंक के अध्यक्ष एवं आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव अतनु चक्रवर्ती ने बुधवार को कहा कि मजबूत खपत व निर्यात के दम पर भारत के 2050 (Indian Economy In 2050) तक 30000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने इस साल भारत की वृद्धि दर करीब 6.3 प्रतिशत और मुद्रास्फीति करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. इसलिए मौजूदा मूल्य पर जीडीपी करीब 10-12 प्रतिशत होगी.
चक्रवर्ती ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "अगर इसी तरह की गति कुछ साल तक जारी रही तो भारत 2045-50 तक 30000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और प्रति व्यक्ति आय 21,000 अमेरिकी डॉलर होगी."
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को मामूली रूप से 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया, जबकि वैश्विक विकास दर का अनुमान घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया. आईएमएफ ने जुलाई में 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. हालांकि, यह चालू वित्त वर्ष के लिए RBI के नवीनतम अनुमान 6.5 प्रतिशत से कम है. पिछले सप्ताह विश्व बैंक ने वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद मजबूत सेवा गतिविधियों के दम पर चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा था.
विश्व बैंक के भारत विकास अपडेट में कहा गया है कि भारत में, जो दक्षिण एशिया क्षेत्र का बड़ा हिस्सा है, 2023-24 में विकास दर 6.3 प्रतिशत मजबूत रहने की उम्मीद है. विश्व बैंक ने अपनी अप्रैल रिपोर्ट में भी 6.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था. भारत ने 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. पिछले महीने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान थोड़ा कम करके 6.3 फीसदी कर दिया था.