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Pak Economic Crisis : रमजान में राहत की उम्मीद नहीं, IMF के साथ समझौते में देरी से गहरा रहा आर्थिक संकट

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की कमर मंहगाई ने तोड़ रखी है (Pak Economic Crisis). हालत अभी और भी बदत्तर हो सकती है. ऐसा अनुमान वहां की सरकार लगा रही है क्योंकि आईएमएफ के साथ समझौते में देरी हो रही है. इसी के साथ महंगाई रमजान के महीने में और बढ़ सकती है.

Pak Economic Crisis
पाकिस्तान की आर्थिक संकट
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Published : Apr 1, 2023, 5:28 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ-साथ मुद्रास्फीति में और बढ़ोतरी का अनुमान लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने में देरी से देश में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार शाखा ने अपनी मासिक आउटलुक रिपोर्ट में यह भी कहा कि राजनीतिक अस्थिरता ने मजबूत मुद्रास्फीति की उम्मीदों को पूरा करना शुरू कर दिया है.

महंगाई के उच्च स्तर पर रहने की संभावना : वित्त मंत्रालय ने चालू महीने के लिए अपने मुद्रास्फीति के पूवार्नुमान के आंकड़े को वापस रखते हुए अर्थव्यवस्था के एक निराशाजनक दृष्टिकोण को चित्रित किया. इसने कहा कि मासिक आर्थिक संकेतक - अतीत और वर्तमान संकेतकों के आधार पर आर्थिक विकास दर की भविष्यवाणी करने का एक उपकरण और धीमा हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा, मार्च में मुद्रास्फीति ऊपरी सीमा में रह सकती है, जैसा कि फरवरी में देखा गया था, जब यह 31.5 प्रतिशत थी.

पढ़ें : Inflation in Pakistan: केला 500 रुपया दर्जन, रमजान में पाकिस्तानियों को रुला रही महंगाई

महंगाई के 36 फीसदी बढ़ने की उम्मीद : हालांकि, मंत्रालय ने इस बार कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कई नकारात्मक उपायों के कारण बाजार मुद्रास्फीति के 36 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद कर रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि मंत्रालय के एक रूढ़िवादी आंतरिक आकलन ने मार्च में लगभग 34 प्रतिशत मुद्रास्फीति दर का सुझाव दिया. मंत्रालय ने कहा कि बढ़ते मूल्य स्तर का एक संभावित कारण राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता है.

यह भी नोट किया गया कि आईएमएफ कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में देरी अधिक दर्द पैदा कर रही थी. रिपोर्ट में कहा गया है, स्थिरीकरण कार्यक्रम में देरी के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट ने आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है, जिसके कारण मुद्रास्फीति की उम्मीदें मजबूत बनी हुई हैं.
(आईएएनएस)

पढे़ें : Pakistan Economy : पाकिस्तान में महंगाई की मार ने लोगों के बचत की कमर तोड़ी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ-साथ मुद्रास्फीति में और बढ़ोतरी का अनुमान लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने में देरी से देश में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार शाखा ने अपनी मासिक आउटलुक रिपोर्ट में यह भी कहा कि राजनीतिक अस्थिरता ने मजबूत मुद्रास्फीति की उम्मीदों को पूरा करना शुरू कर दिया है.

महंगाई के उच्च स्तर पर रहने की संभावना : वित्त मंत्रालय ने चालू महीने के लिए अपने मुद्रास्फीति के पूवार्नुमान के आंकड़े को वापस रखते हुए अर्थव्यवस्था के एक निराशाजनक दृष्टिकोण को चित्रित किया. इसने कहा कि मासिक आर्थिक संकेतक - अतीत और वर्तमान संकेतकों के आधार पर आर्थिक विकास दर की भविष्यवाणी करने का एक उपकरण और धीमा हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा, मार्च में मुद्रास्फीति ऊपरी सीमा में रह सकती है, जैसा कि फरवरी में देखा गया था, जब यह 31.5 प्रतिशत थी.

पढ़ें : Inflation in Pakistan: केला 500 रुपया दर्जन, रमजान में पाकिस्तानियों को रुला रही महंगाई

महंगाई के 36 फीसदी बढ़ने की उम्मीद : हालांकि, मंत्रालय ने इस बार कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कई नकारात्मक उपायों के कारण बाजार मुद्रास्फीति के 36 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद कर रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि मंत्रालय के एक रूढ़िवादी आंतरिक आकलन ने मार्च में लगभग 34 प्रतिशत मुद्रास्फीति दर का सुझाव दिया. मंत्रालय ने कहा कि बढ़ते मूल्य स्तर का एक संभावित कारण राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता है.

यह भी नोट किया गया कि आईएमएफ कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में देरी अधिक दर्द पैदा कर रही थी. रिपोर्ट में कहा गया है, स्थिरीकरण कार्यक्रम में देरी के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट ने आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है, जिसके कारण मुद्रास्फीति की उम्मीदें मजबूत बनी हुई हैं.
(आईएएनएस)

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