नई दिल्ली: राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का पहला अग्रिम आकलन शुक्रवार शाम को जारी करेगा. इसके तीन हफ्ते बाद, एक फरवरी को लोकसभा में बजट पेश होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इन आंकड़ों का उपयोग अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार के बजट को तैयार करने के लिए किया जाता है.
पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को पहले के सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था। ऐसा भूराजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों के मद्देनजर किया गया था. आरबीआई ने 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
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तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी. चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को दिसंबर 2022 में तीसरी बार संशोधित किया गया. अप्रैल 2022 में केंद्रीय बैंक ने जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था वहीं पिछले वर्ष सितंबर में इसे और घटाकर सात फीसदी कर दिया गया था. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी भारत की वृद्धि के अनुमान को पहले के 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था.
(पीटीआई-भाषा)