नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती देने वाली गूगल की याचिका पर विचार करने से इनकार करने पर गूगल ने शुक्रवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहा है. ट्रिब्यूनल ने तकनीकी दिग्गज पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कंपनी के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि एंड्रॉइड ने भारतीय उपयोगकर्ताओं, डेवलपर्स और OEM को बहुत लाभान्वित किया है और भारत के डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हम अपने उपयोगकर्ताओं और भागीदारों के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमा सीसीआई के साथ सहयोग करेंगे.
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने कहा कि CCI के निष्कर्षों को क्षेत्राधिकार के बिना या प्रकट त्रुटि के साथ नहीं कहा जा सकता है और उन्होंने NCLAT के आदेश की पुष्टि की, जिसने गूगल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. Chief Justice D Y Chandrachud की पीठ ने NCLAT को 31 मार्च तक गूगल की अपील का निस्तारण करने का निर्देश दिया और CCI द्वारा लगाए गए जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए गूगल को सात दिन का समय दिया.
11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के फैसले के खिलाफ गूगल की अपील की जांच करने के लिए सहमत हो गया था. जिसमें प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा उस पर लगाए गए 1337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. National Company Law Appellate Tribunal में झटके के बाद गूगल ने शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम मामले में कई बाजारों में प्रमुख स्थिति के दुरुपयोग पर सीसीआई के आदेश पर रोक नहीं लगाई.
(आईएएनएस)
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