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Fixed Deposits: रिटायमेंट के बाद निवेश के लिए FD एक बेहतर ऑप्शन, जानें इसके फायदे

रिटायरमेंट के लिए प्लान करना बेहद जरूरी है क्योंकि एक समय के बाद जब आपके पास नौकरी नहीं रहती है तो आय का स्रोत भी बंद हो जाता है. ऐसे में अगर आप रिटायरमेंट प्लान किए रहते हैं तो आपका बुढ़ापा आराम से कट जाता है. लेकिन अगर आपने सेविंग नहीं की है तो आप रिटायरमेंट के बाद एफडी में निवेश करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. पढ़ें FD क्यों अच्छा है और इसमें निवेश करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें.

Fixed Deposits
एफडी के फायदे
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Published : Jun 18, 2023, 5:25 PM IST

Updated : Jun 18, 2023, 5:30 PM IST

हैदराबाद : हर कर्मचारियों को एक समय के बाद काम से रिटायर होना पड़ता है. जब तक वो काम करते हैं तब तक तो उनके पास आय का साधन बना होता है. लेकिन रिटायमेंट के बाद उनके पास आय का कोई साधन नहीं होता. ऐसे में काम करने के दौरान ही रिटारमेंट के लिए प्लान करना चाहिए. ताकि आप बाद में एक बेहतर जिंदगी जी सके. लेकिन कई लोग ऐसा नहीं करते हैं. उन्हें बाद में ऐहसास होता है कि कुछ सेविंग करनी चाहिए. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के लिए फिक्सड डिपॉजिट (FD) एक बेहतर ऑप्शन हैं. तो आइए जानते हैं कि FD में निवेश करते समय किन- किन बातों का ध्यान रखें...

एफडी के फायदे
मन में सवाल आएगा कि रिटायमेंट प्लान के लिए FD में निवेश करने का ऑप्शन ही क्यों चुनें. तो आपको बता दें कि एफडी में कई फायदें हैं मसलन- निवेश की सुरक्षा, रिटर्न की गारंटी, इच्छानुसार समय चुनने की सुविधा समेत और भी कई दूसरे फायदे हैं. इनमें जरूरत पड़ने पर तत्काल नकद निकासी शामिल है. इसे अन्य वित्तीय योजनाओं के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. बैंकों ने हाल के दिनों में अपनी FDs दरों में काफी वृद्धि की है. कुछ बैंक 8.5-9 फीसदी तक इंटरेस्ट देते हैं. ऐसे में आइए देखते हैं कि रिटायरमेंट के लिए एफडी चुनने वालों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

निवेश से पहले इन बातों का रखे ध्यान
आप बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और नॉन- बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट (NBFCs) में से किसी में भी FDs करवा सकते हैं. हालांकि सभी में इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होता है. कुछ छोटे बैंक और NBFCs सरकारी बैंकों की तुलना में अधिक इंटरेस्ट रेट देते हैं. वहीं, कुछ बैंकों में 9 फीसदी का इंटरेस्ट भी मिलता है. लेकिन किसी भी बैंक और NBFCs में निवेश करने से पहले CRISIL और ICAR द्वारा दी गई उसकी रेटिंग जरूर चेक कर लें.

Fixed Deposits
फिक्सड डिपॉजिट (FD) (कान्सेप्ट इमेज)

आपको ब्याज की आवश्यकता कब होती है?
FD को संचयी और गैर-संचयी जमा के रूप में बांटा जा सकता है. संचयी पद्धति में मूलधन पर वार्षिक रूप से कंपाउंड इंटरेस्ट लगाया जाता है. टैन्योर पीरियड पूरा होने के बाद, मूलधन और इंटरेस्ट मिलता है. वहीं, गैर-संचयी में आप इंटरेस्ट रेट मंथली, तीन महीने पर, छह महीने पर और सालाना आधार पर ले सकते हैं. इसके साथ ही गैर-संचयी लॉन्ग टर्म में धन बनाने में मददगार है. जो लोग रिटायरमेंट फंड बनाना चाहते हैं, उन्हें इसका चुनाव करना चाहिए.

ऐसे पा सकते हैं एक्सट्रा इनकम
कभी-कभी FDs पर कम इंटरेस्ट रेट मिलता है. ऐसे में डिपॉजिट कैंसिल कर नई एफडी करानी चाहिए. इससे ब्याज की हानि से बचा जा सकता है. इसकी जांच तभी की जा सकती है जब यह कम से कम आधा फीसदी ज्यादा मिले. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने दो साल पहले पांच साल के लिए डिपॉजिट किया. तत्कालीन ब्याज दरों के हिसाब से यह 5.50 फीसदी से ज्यादा नहीं थी. लेकिन, अब बैंक तीन साल के लिए 7-7.5 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं. तो, वह जमा कैंसिल किया जा सकता है और एक नया जमा किया जा सकता है.

Fixed Deposits
सेविंग (कान्सेप्ट इमेज)

टैक्स कटौती से बचने के लिए भरे ये फॉर्म
फिक्सड डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स भी लगता है. अगर एक वित्तीय वर्ष के दौरान इंटरेस्ट रेट 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से कम मिलता है, तो टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, जिन लोगों को लगता है कि उन्हें हाई इंटरेस्ट रेट मिल सकता है, उन्हें फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिक) बैंकों में जमा करना चाहिए. इस फॉर्म को जमा करने से आपके जमा पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

ऑनलाइन एफडी अकाउंट खुलवाएं
अब फिक्स्ड डिपॉजिट करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि बैंकिंग मोबाइल ऐप में आसानी से डिपॉजिट किया जा सकता है. डीमैट खाते की मदद से कॉर्पोरेट एफडी और एनसीडी किया जा सकता है.

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हैदराबाद : हर कर्मचारियों को एक समय के बाद काम से रिटायर होना पड़ता है. जब तक वो काम करते हैं तब तक तो उनके पास आय का साधन बना होता है. लेकिन रिटायमेंट के बाद उनके पास आय का कोई साधन नहीं होता. ऐसे में काम करने के दौरान ही रिटारमेंट के लिए प्लान करना चाहिए. ताकि आप बाद में एक बेहतर जिंदगी जी सके. लेकिन कई लोग ऐसा नहीं करते हैं. उन्हें बाद में ऐहसास होता है कि कुछ सेविंग करनी चाहिए. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के लिए फिक्सड डिपॉजिट (FD) एक बेहतर ऑप्शन हैं. तो आइए जानते हैं कि FD में निवेश करते समय किन- किन बातों का ध्यान रखें...

एफडी के फायदे
मन में सवाल आएगा कि रिटायमेंट प्लान के लिए FD में निवेश करने का ऑप्शन ही क्यों चुनें. तो आपको बता दें कि एफडी में कई फायदें हैं मसलन- निवेश की सुरक्षा, रिटर्न की गारंटी, इच्छानुसार समय चुनने की सुविधा समेत और भी कई दूसरे फायदे हैं. इनमें जरूरत पड़ने पर तत्काल नकद निकासी शामिल है. इसे अन्य वित्तीय योजनाओं के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. बैंकों ने हाल के दिनों में अपनी FDs दरों में काफी वृद्धि की है. कुछ बैंक 8.5-9 फीसदी तक इंटरेस्ट देते हैं. ऐसे में आइए देखते हैं कि रिटायरमेंट के लिए एफडी चुनने वालों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

निवेश से पहले इन बातों का रखे ध्यान
आप बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और नॉन- बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट (NBFCs) में से किसी में भी FDs करवा सकते हैं. हालांकि सभी में इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होता है. कुछ छोटे बैंक और NBFCs सरकारी बैंकों की तुलना में अधिक इंटरेस्ट रेट देते हैं. वहीं, कुछ बैंकों में 9 फीसदी का इंटरेस्ट भी मिलता है. लेकिन किसी भी बैंक और NBFCs में निवेश करने से पहले CRISIL और ICAR द्वारा दी गई उसकी रेटिंग जरूर चेक कर लें.

Fixed Deposits
फिक्सड डिपॉजिट (FD) (कान्सेप्ट इमेज)

आपको ब्याज की आवश्यकता कब होती है?
FD को संचयी और गैर-संचयी जमा के रूप में बांटा जा सकता है. संचयी पद्धति में मूलधन पर वार्षिक रूप से कंपाउंड इंटरेस्ट लगाया जाता है. टैन्योर पीरियड पूरा होने के बाद, मूलधन और इंटरेस्ट मिलता है. वहीं, गैर-संचयी में आप इंटरेस्ट रेट मंथली, तीन महीने पर, छह महीने पर और सालाना आधार पर ले सकते हैं. इसके साथ ही गैर-संचयी लॉन्ग टर्म में धन बनाने में मददगार है. जो लोग रिटायरमेंट फंड बनाना चाहते हैं, उन्हें इसका चुनाव करना चाहिए.

ऐसे पा सकते हैं एक्सट्रा इनकम
कभी-कभी FDs पर कम इंटरेस्ट रेट मिलता है. ऐसे में डिपॉजिट कैंसिल कर नई एफडी करानी चाहिए. इससे ब्याज की हानि से बचा जा सकता है. इसकी जांच तभी की जा सकती है जब यह कम से कम आधा फीसदी ज्यादा मिले. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने दो साल पहले पांच साल के लिए डिपॉजिट किया. तत्कालीन ब्याज दरों के हिसाब से यह 5.50 फीसदी से ज्यादा नहीं थी. लेकिन, अब बैंक तीन साल के लिए 7-7.5 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं. तो, वह जमा कैंसिल किया जा सकता है और एक नया जमा किया जा सकता है.

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सेविंग (कान्सेप्ट इमेज)

टैक्स कटौती से बचने के लिए भरे ये फॉर्म
फिक्सड डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स भी लगता है. अगर एक वित्तीय वर्ष के दौरान इंटरेस्ट रेट 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से कम मिलता है, तो टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, जिन लोगों को लगता है कि उन्हें हाई इंटरेस्ट रेट मिल सकता है, उन्हें फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिक) बैंकों में जमा करना चाहिए. इस फॉर्म को जमा करने से आपके जमा पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

ऑनलाइन एफडी अकाउंट खुलवाएं
अब फिक्स्ड डिपॉजिट करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि बैंकिंग मोबाइल ऐप में आसानी से डिपॉजिट किया जा सकता है. डीमैट खाते की मदद से कॉर्पोरेट एफडी और एनसीडी किया जा सकता है.

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Last Updated : Jun 18, 2023, 5:30 PM IST
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