नई दिल्ली: देश में खाद्य महंगाई को काबू करने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है. इसकी रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से लगातार कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, त्योहारी मौसम मे महंगाई बढ़ने की आशंका है. जिसे देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने नए प्लान बनाए हैं. जानकारी के मुताबिक गेहूं के स्टॉक को ओपन मार्केट में बेचने की तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि त्योहारी मौसम से पहले गेहूं के दाम को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
खाद्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने ई-नीलामी के जरिए इस वित्त वर्ष में 2.37 मिलियन टन गेहूं की बिक्री अपने स्टॉक से की है. दरअसल, पिछले कुछ समय से गेहूं के दामों में गिरावट देखी गई है. FCI के द्वारा भी बेची गई गेहूं की मात्रा प्रस्तावित मात्रा से 90 फीसदी कम में बेची गई. इसका मतलब ये है कि देश में गेहूं का स्टॉक काफी मात्रा में है और अगर पहले से कीमत को कंट्रोल कर लिया जाएगा, तो आने वाले दिनों में गेहूं और आटे के दामों मे इजाफा देखने को नहीं मिलेगा.
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बता दें अगस्त 2023 से ही FCI की तरफ से लगातार गेंहू की बिक्री की जा रही है और इसका असर गेहूं की कीमतों पर भी काफी पड़ा है. गेहूं की खुदरा महंगाई दर अगस्त में 9.3 फीसदी से घटकर 7.93 फीसदी तक पहुंच गई है.
जानकारी के मुताबिक खाद्य वस्तुओं के दाम गिरने से सितंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर तीन महीनों के निचले स्तर 5.2 फीसदी पर आ गई है. राष्ट्रीय संख्यिकीय कार्यालय की तरफ से गुरुवार को जारी आकड़े के मुताबिक, सितंबर मे उपभोक्ता मुल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रही जबकि एक साल पहले सितंबर में यह 7.41 फीसदी थी.