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New GST Rules: ₹5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए नया नियम, 1 अगस्त से लागू - companies with turnover above rs5 crore

नये महीने की शुरुआत के साथ ही कई नियम बदल गए हैं (New GST Rules). इसमें e-Invoice नियम भी शामिल है. दरअसल 1 अगस्त 2023 से 5 करोड़ या उससे अधिक टर्नओवर वाले सभी बिजनेस के लिए ई-इनवॉयस (e-Invoice) बनाना अनिवार्य हो गया है.

New GST Rules
जीएसटी नियम में बदलाव
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Published : Aug 1, 2023, 5:36 PM IST

नई दिल्ली: जीएसटी दिशानिर्देशों के अनुसार, ₹5 करोड़ के बी2बी लेनदेन मूल्य वाली कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस तैयार करना अनिवार्य होगा. इससे पहले, 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक के वार्षिक राजस्व वाली कंपनियों को ई-इनवॉइस बनाना पड़ता था.

28 जुलाई को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट कर नियम में बदलाव की जानकारी दी. अपने ट्वीट में, सीबीआईसी ने बताया कि जीएसटी करदाता जिनका कुल कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में ₹5 करोड़ से अधिक है, उन्हें 1 अगस्त 2023 से वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की बी2बी आपूर्ति या निर्यात के लिए अनिवार्य रूप से ई-चालान बनाना होगा. मई में ही सीबीआईसी ने नोटिफिकेशन जारी किया था. इस कदम से जीएसटी कलेक्शन और अनुपालन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा.

GST e-invoice rule कैसे MSME क्षेत्र के लिए एक वरदान
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ई-इनवॉइस नियम में बदलाव और कम टर्नओवर वाली कंपनियों को शामिल करने से MSMEs इकाइयों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकता है. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए डेलॉयट इंडिया के पार्टनर लीडर इनडायरेक्ट टैक्स महेश जयसिंग ने कहा कि इस घोषणा के साथ, ई-चालान के तहत MSMEs का दायरा बढ़ाया जाएगा और उन्हें ई-चालान लागू करने की आवश्यकता होगी.

बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान जारी करने की सीमा को ₹10 करोड़ से घटाकर ₹5 करोड़ करने से जीएसटी विभाग को राजस्व बढ़ाने और कर चोरी से निपटने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, सरकार ने जोखिम भरे करदाताओं की पहचान करने और उन पर नजर रखने के लिए मजबूत डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है. यहां तक की यह अपने डेटा प्रवर्तन एजेंसियों (ईडी) के साथ भी शेयर करना शुरू कर चुकी है.

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28 जुलाई को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट कर नियम में बदलाव की जानकारी दी. अपने ट्वीट में, सीबीआईसी ने बताया कि जीएसटी करदाता जिनका कुल कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में ₹5 करोड़ से अधिक है, उन्हें 1 अगस्त 2023 से वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की बी2बी आपूर्ति या निर्यात के लिए अनिवार्य रूप से ई-चालान बनाना होगा. मई में ही सीबीआईसी ने नोटिफिकेशन जारी किया था. इस कदम से जीएसटी कलेक्शन और अनुपालन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा.

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि ई-इनवॉइस नियम में बदलाव और कम टर्नओवर वाली कंपनियों को शामिल करने से MSMEs इकाइयों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकता है. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए डेलॉयट इंडिया के पार्टनर लीडर इनडायरेक्ट टैक्स महेश जयसिंग ने कहा कि इस घोषणा के साथ, ई-चालान के तहत MSMEs का दायरा बढ़ाया जाएगा और उन्हें ई-चालान लागू करने की आवश्यकता होगी.

बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान जारी करने की सीमा को ₹10 करोड़ से घटाकर ₹5 करोड़ करने से जीएसटी विभाग को राजस्व बढ़ाने और कर चोरी से निपटने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, सरकार ने जोखिम भरे करदाताओं की पहचान करने और उन पर नजर रखने के लिए मजबूत डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है. यहां तक की यह अपने डेटा प्रवर्तन एजेंसियों (ईडी) के साथ भी शेयर करना शुरू कर चुकी है.

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