नई दिल्ली : घरेलू कंपनियों का तिमाही रिपोर्ट कार्ड, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी. विश्लेषकों ने यह आशंका जताई है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे बाजार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. यदि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध रूप से लिवाल रहते हैं, तो इससे बाजार की तेजी को और समर्थन मिल सकता है.
संतोष मीणा ने कहा कि हालांकि भू-राजनीतिक चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन उनका बाजार के कुल रुझान पर सीमित प्रभाव पड़ा है. वैश्विक बाजारों का जुझारूपन इस सकारात्मक धारणा को कायम रखने की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा. वृहद आर्थिक मोर्चे पर औद्योगिक उत्पादन (IIP) के आंकड़ों की घोषणा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद की जाएगी. मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक घटनाक्रम, एफआईआई के साथ घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का रुख, कच्चे तेल का भंडार, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, इजराइल-हमास संघर्ष और दूसरी तिमाही के नतीजे इस सप्ताह बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
अरविंदर सिंह नंदा ने ये भी बताया कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ी कंपनियां मसलन एचपीसीएल, एनएचपीसी, आईआरसीटीसी, पावर ग्रिड, टाटा पावर, अशोक लेलैंड, कोल इंडिया, हिंडाल्को, एलआईसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा केमिकल्स अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 580.98 अंक या 0.91 प्रतिशत के लाभ में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 183.35 अंक या 0.96 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. सेंसेक्स शुक्रवार को 282.88 अंक या 0.44 प्रतिशत चढ़कर 64,363.78 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 97.35 अंक या 0.51 प्रतिशत के लाभ के साथ 19,230.60 अंक पर पहुंच गया.
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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मजबूत वैश्विक संकेतक, स्थिर वृहद आर्थिक आंकड़े और घरेलू कंपनियों के बेहतर नतीजों से बाजार मजबूत हुआ है. इसके अलावा फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में और बढ़ोतरी नहीं करने का संकेत तथा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.