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Digi Yatra : दिल्ली, बेंगलुरु के बाद इन शहरों में जल्द शुरू होगी 'डिजि यात्रा', एक क्लिक में जानें डिटेल्स - What is the benefit of Digi Yatra

केंद्र सरकार द्वारा हवाई यात्रियों की सुविधा के लिए 'डिजियात्रा' प्रणाली की शुरुआत की है. 1 दिसंबर 2022 से दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाईअड्डों के यात्री इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं. लेकिन सरकार जल्द ही इस सुविधा को अन्य शहरों के हवाईअड्डों पर लागू करने वाली हैं. वो शहर कौन हैं जाननें कि लिए पढ़े पूरी खबर...

Digi Yatra
डिजि यात्रा
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Published : Feb 3, 2023, 10:44 AM IST

नई दिल्ली : मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और हैदराबाद हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा लागू की जाएगी. पहले चरण में, डिजी यात्रा 1 दिसंबर, 2022 को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाईअड्डों पर यात्रियों को संपर्क रहित, पेपरलेस चेक-इन और चेहरे की बायोमेट्रिक्स के आधार पर बोर्डिग प्रक्रिया प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी.

डिजी यात्रा क्या है
डिजी यात्रा नीति नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा चेहरे की पहचान तकनीक (एफआरटी) का उपयोग करके बायोमेट्रिक बोर्डिग प्रणाली के लिए शुरू की गई एक पहल है. इसका उद्देश्य हवाईअड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करना है. इसका मुख्य उद्देश्य कई स्पर्श बिंदुओं पर टिकट और आईडी के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके और डिजिटल ढांचे का उपयोग करके मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से बेहतर थ्रूपुट प्राप्त करके यात्री अनुभव को बढ़ाना है.

डिजी यात्रा का प्रचार कार्य
Ministry of Civil Aviation ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि यह परियोजना कार्यान्वयन के चरण में है. डिजी यात्रा के क्रियान्वयन का खर्च एयरपोर्ट संचालकों पर होता है. जवाब में कहा गया, नागरिक उड्डयन मंत्रालय इसके कार्यान्वयन के लिए कोई बजटीय सहायता प्रदान नहीं करता है. डिजी यात्रा का व्यापक प्रचार करने के लिए हवाईअड्डे के संचालक और एयरलाइन संचालक उड़ान के दौरान घोषणाएं कर रहे हैं, हेल्प-डेस्क सहायता प्रदान कर रहे हैं और बैनर और फिल्मों आदि का प्रदर्शन कर रहे हैं. सोशल मीडिया का उपयोग भी प्रचार के लिए किया जा रहा है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और वाराणसी हवाईअड्डों पर बायोमेट्रिक बोर्डिग सिस्टम लगाने का काम शुरू कर दिया है.

Digi Yatra
हवाई यात्रियों की सुविधा के लिए 'डिजि यात्रा'

यात्रियों की सुविधा के लिए 'डिजियात्रा'
जवाब में कहा गया कि इसका चयन नीति आयोग द्वारा अटल इनोवेशन मिशन के तहत चलाए जा रहे नेशनल स्टार्टअप चैलेंज के जरिए किया गया है. डिजी यात्रा हवाईअड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए एक स्वैच्छिक सुविधा है. डिजी यात्रा प्रक्रिया में यात्रियों की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं होता. यात्री के सभी डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है. यात्री के स्मार्टफोन के वॉलेट में संग्रहीत किया जाता है और केवल सीमित समय अवधि के लिए यात्रा के मूल हवाईअड्डे के साथ साझा किया जाता है. जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को मान्य करने की जरूरत होती है.

मंत्रालय ने कहा कि उड़ान के 24 घंटे के भीतर डेटा को सिस्टम से हटा दिया जाता है. डिजी यात्रा के कार्यान्वयन के साथ सुविधाएं एफआरटी के माध्यम से स्पर्श रहित यात्री सत्यापन प्रदान करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हवाईअड्डे पर प्रवेश, सेक्युरिटी होल्ड एरिया (एसएचए) और बिना सीआईएसएफ हस्तक्षेप के बोर्डिग क्षेत्र जैसे विभिन्न स्पर्श बिंदुओं पर समय की बचत होती है.

(आईएएनएस)

पढ़ें : देश के तीन हवाईअड्डों पर शुरू हुई 'डिजियात्रा' प्रणाली, सिंधिया ने की शुरुआत

नई दिल्ली : मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और हैदराबाद हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा लागू की जाएगी. पहले चरण में, डिजी यात्रा 1 दिसंबर, 2022 को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाईअड्डों पर यात्रियों को संपर्क रहित, पेपरलेस चेक-इन और चेहरे की बायोमेट्रिक्स के आधार पर बोर्डिग प्रक्रिया प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी.

डिजी यात्रा क्या है
डिजी यात्रा नीति नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा चेहरे की पहचान तकनीक (एफआरटी) का उपयोग करके बायोमेट्रिक बोर्डिग प्रणाली के लिए शुरू की गई एक पहल है. इसका उद्देश्य हवाईअड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करना है. इसका मुख्य उद्देश्य कई स्पर्श बिंदुओं पर टिकट और आईडी के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके और डिजिटल ढांचे का उपयोग करके मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से बेहतर थ्रूपुट प्राप्त करके यात्री अनुभव को बढ़ाना है.

डिजी यात्रा का प्रचार कार्य
Ministry of Civil Aviation ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि यह परियोजना कार्यान्वयन के चरण में है. डिजी यात्रा के क्रियान्वयन का खर्च एयरपोर्ट संचालकों पर होता है. जवाब में कहा गया, नागरिक उड्डयन मंत्रालय इसके कार्यान्वयन के लिए कोई बजटीय सहायता प्रदान नहीं करता है. डिजी यात्रा का व्यापक प्रचार करने के लिए हवाईअड्डे के संचालक और एयरलाइन संचालक उड़ान के दौरान घोषणाएं कर रहे हैं, हेल्प-डेस्क सहायता प्रदान कर रहे हैं और बैनर और फिल्मों आदि का प्रदर्शन कर रहे हैं. सोशल मीडिया का उपयोग भी प्रचार के लिए किया जा रहा है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और वाराणसी हवाईअड्डों पर बायोमेट्रिक बोर्डिग सिस्टम लगाने का काम शुरू कर दिया है.

Digi Yatra
हवाई यात्रियों की सुविधा के लिए 'डिजि यात्रा'

यात्रियों की सुविधा के लिए 'डिजियात्रा'
जवाब में कहा गया कि इसका चयन नीति आयोग द्वारा अटल इनोवेशन मिशन के तहत चलाए जा रहे नेशनल स्टार्टअप चैलेंज के जरिए किया गया है. डिजी यात्रा हवाईअड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए एक स्वैच्छिक सुविधा है. डिजी यात्रा प्रक्रिया में यात्रियों की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं होता. यात्री के सभी डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है. यात्री के स्मार्टफोन के वॉलेट में संग्रहीत किया जाता है और केवल सीमित समय अवधि के लिए यात्रा के मूल हवाईअड्डे के साथ साझा किया जाता है. जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को मान्य करने की जरूरत होती है.

मंत्रालय ने कहा कि उड़ान के 24 घंटे के भीतर डेटा को सिस्टम से हटा दिया जाता है. डिजी यात्रा के कार्यान्वयन के साथ सुविधाएं एफआरटी के माध्यम से स्पर्श रहित यात्री सत्यापन प्रदान करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हवाईअड्डे पर प्रवेश, सेक्युरिटी होल्ड एरिया (एसएचए) और बिना सीआईएसएफ हस्तक्षेप के बोर्डिग क्षेत्र जैसे विभिन्न स्पर्श बिंदुओं पर समय की बचत होती है.

(आईएएनएस)

पढ़ें : देश के तीन हवाईअड्डों पर शुरू हुई 'डिजियात्रा' प्रणाली, सिंधिया ने की शुरुआत

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