नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी कंपनी कोका कोला की बॉटलिंग इकाई मून बेवरेजेज पर पर्यावरणीय उल्लंघन के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा लगाए गए 15 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी है. जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने मून बेवरेजेज की तरफ से दायर याचिका पर गाजियाबाद के निवासी को नोटिस भी जारी किया है, जिसकी शिकायत के आधार पर एनजीटी ने यह फैसला दिया था.
पीठ ने कहा कि NGT की प्रधान पीठ के 25 फरवरी, 2022 को जारी आदेश को लागू करने पर रोक रहेगी. शीर्ष अदालत ने मून बेवरेजेज लिमिटेड की तरफ से NGT के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह रोक लगाई है. NGT ने कंपनी की ग्रेटर नोएडा इकाई पर 1.85 करोड़, साहिबाबाद इकाई पर 13.24 करोड़ और वरुण बेवरेजेज लिमिटेड की ग्रेटर नोएडा इकाई पर 9.71 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
इसके अलावा NGT ने एक संयुक्त समिति भी गठित की थी, जिसमें पर्यावरण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, सीजीडब्ल्यूए, यूपीजीडब्ल्यूडी और संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट शामिल थे. NGT ने गाजियाबाद निवासी सुशील भट्ट की याचिका पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था. भट्ट ने अपनी याचिका में मनमाने तरीके से भूजल को निकालने का आरोप लगाया था. याचिका में कहा गया था कि क्षेत्र में भूजल का वैसे ही संकट है, ऐसे में इन इकाइयों द्वारा अविवेकपूर्ण और मनमाने तरीके से जल निकाला जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)