नई दिल्ली: गुजरात सरकार के प्रयासों से राज्य में विदेशी निवेश लगातार ऊंचाइयां छू रहा है. पिछले 20 साल से गुजरात प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भारत में अव्वल है. 2003 में शुरू हुई वाइब्रेंट गुजरात नाम की द्विवार्षिक इन्वेस्टर्स समिट राज्य में विदेशी निवेश का प्रमुख प्रवेश द्वार साबित हुई है.
राज्य लगातार तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा
पहले वाइब्रेंट गुजरात इन्वेस्टर्स समिट में कोई देश पार्टनर नहीं था, जबकि 2019 में 15 प्रमुख देश पार्टनर बने. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में भारत के बढ़ते विदेशी निवेश की बात की. पिछले 20 साल में गुजरात सरकार के प्रयासों से 55 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश राज्य में आया है. गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य लगातार तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है.
गुजरात भारत के विकास का इंजन
गुजरात का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल के मुकाबले करीब सिर्फ छह प्रतिशत है और यहां देश की कुल आबादी में से पांच प्रतिशत लोग रहते हैं. इसके बावजूद गुजरात भारत के विकास का इंजन है. 100 प्लस फॉर्च्यून 500 ग्लोबल कंपनियों समेत राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें सुजुकी, होंडा, हिताची, टोयोट, जैसी कई कंपनियां शामिल हैं.
गुजरात निवेश के लिए आदर्श राज्य
मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती के मुताबिक राज्य सरकार की ये समझ कि निवेशक क्या चाहते हैं, मजबूत बुनियादी ढांचा, व्यापार करने में आसानी और तेजी और भविष्य की प्रगतिशील नीतियों की वजह से गुजरात निवेश के लिए आदर्श राज्य है. एयरबस इंटरनेशनल के प्रमुख क्रिस्चियन शेरेर का कहना है कि गुजरात सरकार के तौर पर उनकी कंपनी के पास सबसे भरोसेमंद पार्टनर मौजूद है.