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Amrit Kaal Startups : धन-रोजगार पैदा करने के लिए सरकार इस क्षेत्र में करेगी निवेश, अमृतकाल में अर्थव्यवस्था भी होगी मजबूत

Union Minister Dr Jitendra Singh ने बताया कि केंद्र सरकार धन और रोजगार सृजित करने के लिए उद्योग संचालित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देगी. भारत को दुनिया की शीर्ष पांच वैज्ञानिक शक्तियों में शामिल करने की इच्छा रखती है.

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अमृतकाल में अर्थव्यवस्था बायोटेक
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Published : Feb 27, 2023, 11:03 AM IST

Updated : Feb 28, 2023, 6:12 AM IST

नई दिल्ली : भारत में जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का पिछले तीन दशकों में काफी विकास हुआ है और इसने स्वास्थ्य,चिकित्सा,कृषि,उद्योग और जैव-सूचना विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है,क्योंकि इसे सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से ही इस भारी समर्थन मिला है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, NII Delhi में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ( Union Minister Dr Jitendra Singh ) ने यह बात कही.

जैव प्रौद्योगिकी विभाग सचिव डॉ राजेश गोखले ( Dr Rajesh Gokhale , Secretary , Department of Biotechnology ) ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रासंगिक बने रहने के लिए 21वीं सदी की मूलभूत तकनीकियों के साथ आगे बढ़ना चाहिए. Dr Rajesh Gokhale ने यह भी कहा कि भारत सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से अन्य बातों के अलावा, भारत को दुनिया की शीर्ष पांच वैज्ञानिक शक्तियों में शामिल करने की इच्छा रखती है और Biotechnology Department India वैज्ञानिक अनुसंधान को सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

National Institute of Immunology , एनआईआई , दिल्ली में Union Minister Dr Jitendra Singh ने बताया कि केंद्र सरकार धन और रोजगार सृजित करने के लिए उद्योग संचालित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देगी. केंद्र सरकार के मुताबिक स्टार्ट-अप्स बूम को बरकरार रखने के लिए उद्योग द्वारा समान साझेदारी और जिम्मेदारी के साथ समान हिस्सेदारी करने का आह्वान किया गया. Dr Jitendra Singh ने कहा कि यदि उद्योग शुरू से ही थीम/विषय/उत्पाद की पहचान करेगा और सरकार के साथ समानता का निवेश करेगा, तो स्टार्टअप्स टिकाऊ हो जाएंगे. Union Minister Dr Jitendra Singh ने यह आश्वासन भी दिया कि देश में Innovation ecosystem (नवाचार इकोसिस्टम) को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार के तहत धन की कमी नहीं रहेगी.

दुनिया के Top 5 देशों में भारत
Union Minister Jitendra Singh ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का विचार का उदाहरण दिया, जहां भारत की वैक्सीन रणनीति फार्मा, उद्योग और शिक्षा जगत को वर्तमान के साथ-साथ संभावित भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी में एक साथ आई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत 'ग्लोबल बायोमैन्युफैक्चरिंग हब' बनने की ओर अग्रसर है और वर्ष 2025 तक यह दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा.

बायोटेक अर्थव्यवस्था की कुंजी होगी
Jitendra Singh Union Minister ने भारत के अपने मालक्यूल के विकास का समर्थन किया और कहा कि भारतीय समस्याओं के लिए भारतीय उपचारों को तैयार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी कल की तकनीक है, क्योंकि आईटी पहले ही अपने सर्वोच्च बिंदु पर पहुंच चुकी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बायोटेक अमृत काल अर्थव्यवस्था की कुंजी होगी और भारत को विश्व में एक अग्रणी राष्ट्र बनाने में भी मदद करेगी.

Dr. Jitendra Singh ने दोहराया कि पिछले आठ वर्षो में भारत की bio economy ( जैव अर्थव्यवस्था ) जो 2014 में 10 अरब डॉलर थी जो 2022 में बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई. इसी प्रकार Biotech startups जो 2014 में 52 थे 2022 में 100 गुना बढ़कर 5300 से अधिक हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 2021 में प्रतिदिन 3 बायोटेक स्टार्टअप्स शामिल हो रहे हैं और 2021 में ही 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स स्थापित किए गए जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से हो रहे विकास का संकेत देते हैं. Make in india .

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV Bharat.)

ये भी पढ़ें : कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के एमडी व ज्वाइंट एमडी पद्म भूषण से सम्मानित

नई दिल्ली : भारत में जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का पिछले तीन दशकों में काफी विकास हुआ है और इसने स्वास्थ्य,चिकित्सा,कृषि,उद्योग और जैव-सूचना विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है,क्योंकि इसे सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से ही इस भारी समर्थन मिला है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, NII Delhi में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ( Union Minister Dr Jitendra Singh ) ने यह बात कही.

जैव प्रौद्योगिकी विभाग सचिव डॉ राजेश गोखले ( Dr Rajesh Gokhale , Secretary , Department of Biotechnology ) ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रासंगिक बने रहने के लिए 21वीं सदी की मूलभूत तकनीकियों के साथ आगे बढ़ना चाहिए. Dr Rajesh Gokhale ने यह भी कहा कि भारत सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से अन्य बातों के अलावा, भारत को दुनिया की शीर्ष पांच वैज्ञानिक शक्तियों में शामिल करने की इच्छा रखती है और Biotechnology Department India वैज्ञानिक अनुसंधान को सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

National Institute of Immunology , एनआईआई , दिल्ली में Union Minister Dr Jitendra Singh ने बताया कि केंद्र सरकार धन और रोजगार सृजित करने के लिए उद्योग संचालित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देगी. केंद्र सरकार के मुताबिक स्टार्ट-अप्स बूम को बरकरार रखने के लिए उद्योग द्वारा समान साझेदारी और जिम्मेदारी के साथ समान हिस्सेदारी करने का आह्वान किया गया. Dr Jitendra Singh ने कहा कि यदि उद्योग शुरू से ही थीम/विषय/उत्पाद की पहचान करेगा और सरकार के साथ समानता का निवेश करेगा, तो स्टार्टअप्स टिकाऊ हो जाएंगे. Union Minister Dr Jitendra Singh ने यह आश्वासन भी दिया कि देश में Innovation ecosystem (नवाचार इकोसिस्टम) को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार के तहत धन की कमी नहीं रहेगी.

दुनिया के Top 5 देशों में भारत
Union Minister Jitendra Singh ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का विचार का उदाहरण दिया, जहां भारत की वैक्सीन रणनीति फार्मा, उद्योग और शिक्षा जगत को वर्तमान के साथ-साथ संभावित भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी में एक साथ आई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत 'ग्लोबल बायोमैन्युफैक्चरिंग हब' बनने की ओर अग्रसर है और वर्ष 2025 तक यह दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा.

बायोटेक अर्थव्यवस्था की कुंजी होगी
Jitendra Singh Union Minister ने भारत के अपने मालक्यूल के विकास का समर्थन किया और कहा कि भारतीय समस्याओं के लिए भारतीय उपचारों को तैयार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी कल की तकनीक है, क्योंकि आईटी पहले ही अपने सर्वोच्च बिंदु पर पहुंच चुकी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बायोटेक अमृत काल अर्थव्यवस्था की कुंजी होगी और भारत को विश्व में एक अग्रणी राष्ट्र बनाने में भी मदद करेगी.

Dr. Jitendra Singh ने दोहराया कि पिछले आठ वर्षो में भारत की bio economy ( जैव अर्थव्यवस्था ) जो 2014 में 10 अरब डॉलर थी जो 2022 में बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई. इसी प्रकार Biotech startups जो 2014 में 52 थे 2022 में 100 गुना बढ़कर 5300 से अधिक हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 2021 में प्रतिदिन 3 बायोटेक स्टार्टअप्स शामिल हो रहे हैं और 2021 में ही 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स स्थापित किए गए जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से हो रहे विकास का संकेत देते हैं. Make in india .

(आईएएनएस)

(This is an agency copy and has not been edited by ETV Bharat.)

ये भी पढ़ें : कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के एमडी व ज्वाइंट एमडी पद्म भूषण से सम्मानित

Last Updated : Feb 28, 2023, 6:12 AM IST
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