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Loan Rate Hike: रेपो रेट स्थिर लेकिन, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत इन बैकों ने कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ाईं

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया है. लेकिन इसके बावजूद भी बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), केनरा बैंक (Kanara Bank), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोत्तरी की. जिसका सीधा असर आपके EMI पर देखने को मिलेगा. पढ़ें पूरी खबर...

Loan Rate Hike
बैकों ने बढ़ाया एमसीएलआर
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Published : Aug 11, 2023, 5:16 PM IST

नई दिल्ली : बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और केनरा बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों ने कोष की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) लोन दर में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. बैंकों द्वारा ये बढ़ोत्तरी ऐसे समय में की जा रही है, जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गुरुवार को पेश अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.50 प्रतिशत पर यथावत रखा है, इसके बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की घोषणा की है.

नई दरें कल से होंगी लागू
बैंकों के इस कदम से एमसीएलआर से जुड़ी मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ जाएगी. बीओबी ने शेयर बाजार को बताया कि एक साल की एमसीएलआर को संशोधित कर 8.70 प्रतिशत किया गया है. यह अभी 8.65 प्रतिशत है. नई दरें 12 अगस्त यानी कल से प्रभावी होंगी. केनरा बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की है. यह अब बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गई है. नई दर 12 अगस्त से प्रभावी होगी.

सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की है . बीओएम ने शेयर बाजार को बताया, इसके साथ ही एक साल की एमसीएलआर 8.50 प्रतिशत से बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई है. संशोधित दरें 10 अगस्त से प्रभावी हैं.

क्या होता है MCLR
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) एक मिनिमल इंटरेस्ट रेट है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देती है. इसलिए इसका सीधा संबंध ग्राहक के ईएमआई से है. MCLR के बढ़ने से ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ता है, वहीं एमसीएलआर में कटौती से लोन के ब्याज दरों में कमी आती है. बता दें कि बैकों का एमसीएलआर RBI के रेपो रेट पर निर्भर करता है.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और केनरा बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों ने कोष की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) लोन दर में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. बैंकों द्वारा ये बढ़ोत्तरी ऐसे समय में की जा रही है, जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गुरुवार को पेश अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.50 प्रतिशत पर यथावत रखा है, इसके बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की घोषणा की है.

नई दरें कल से होंगी लागू
बैंकों के इस कदम से एमसीएलआर से जुड़ी मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ जाएगी. बीओबी ने शेयर बाजार को बताया कि एक साल की एमसीएलआर को संशोधित कर 8.70 प्रतिशत किया गया है. यह अभी 8.65 प्रतिशत है. नई दरें 12 अगस्त यानी कल से प्रभावी होंगी. केनरा बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की है. यह अब बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गई है. नई दर 12 अगस्त से प्रभावी होगी.

सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की है . बीओएम ने शेयर बाजार को बताया, इसके साथ ही एक साल की एमसीएलआर 8.50 प्रतिशत से बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई है. संशोधित दरें 10 अगस्त से प्रभावी हैं.

क्या होता है MCLR
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) एक मिनिमल इंटरेस्ट रेट है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देती है. इसलिए इसका सीधा संबंध ग्राहक के ईएमआई से है. MCLR के बढ़ने से ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ता है, वहीं एमसीएलआर में कटौती से लोन के ब्याज दरों में कमी आती है. बता दें कि बैकों का एमसीएलआर RBI के रेपो रेट पर निर्भर करता है.

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(पीटीआई-भाषा)

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