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Airports : संसदीय समिति का सरकार को सुझाव, ये काम करने से यात्रा आम आदमी के लिए होगी किफायती

हवाई यात्रा तक आम आदमी की भी पहुंच हो सके, इसके लिए संसदीय समिति ने सरकार को एक सुझाव दिया है. क्या है सुझाव, जानने के लिए पढे़ं पूरी खबर....

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Published : Aug 6, 2023, 3:01 PM IST

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे का विकास किफायती हो और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर रहे. समिति ने हवाई अड्डों पर बेवजह की सुविधाएं जोड़कर उसे मंहगा बनाने की अवधारणा के खिलाफ मतदान करते हुए यह सिफारिश की है.

राज्यसभा के सदस्य सुजीत कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि इस क्षेत्र के अधिकतर हितधारक आम यात्री हैं, जिसकी हवाई यात्रा करने की आकांक्षा और आवश्यकता समय के साथ बढ़ती जा रही है. संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि एशियाई प्रशांत क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में उपयोगकर्ता शुल्क किफायती और प्रतिस्पर्धी रहना चाहिए.

समिति ने राज्यसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा-
'भारत एक विकासशील देश है और यात्री कीमत को लेकर जागरूक हैं. हमारी राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति में सरकार द्वारा सामर्थ्य व स्थिरता पर जोर दिया गया है. समिति का मानना है कि अधिकतर लोग हवाई अड्डों का उपयोग केवल यात्रा करने, सामान ‘चेक-इन’ करने, आगमन पर अपना सामान लेने और अपने गंतव्य पर जाने के लिए करते हैं. अन्य बाह्य सेवाओं को यात्री सेवा जितना महत्व नहीं दिया जा सकता.'

रिपोर्ट के अनुसार कि यह सही है कि हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता समग्र परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा और विदेशी धन के प्रवाह में सीधे योगदान देता है. समिति का मानना है कि हवाई अड्डे के सभी टर्मिनल को आरामदायक व सहज बनाने की जरूरत है, लेकिन उन्हें अत्यधिक भव्य बनाने की आवश्यकता नहीं है और गोल्ड प्लेटिंग से लैस करने की जरूरत नहीं है.’ ‘गोल्ड प्लेटिंग’ से तात्पर्य महंगी सुविधाओं को शामिल करने से है, जो किसी परियोजना की लागत को बढ़ा देता है.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे का विकास किफायती हो और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर रहे. समिति ने हवाई अड्डों पर बेवजह की सुविधाएं जोड़कर उसे मंहगा बनाने की अवधारणा के खिलाफ मतदान करते हुए यह सिफारिश की है.

राज्यसभा के सदस्य सुजीत कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि इस क्षेत्र के अधिकतर हितधारक आम यात्री हैं, जिसकी हवाई यात्रा करने की आकांक्षा और आवश्यकता समय के साथ बढ़ती जा रही है. संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि एशियाई प्रशांत क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में उपयोगकर्ता शुल्क किफायती और प्रतिस्पर्धी रहना चाहिए.

समिति ने राज्यसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा-
'भारत एक विकासशील देश है और यात्री कीमत को लेकर जागरूक हैं. हमारी राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति में सरकार द्वारा सामर्थ्य व स्थिरता पर जोर दिया गया है. समिति का मानना है कि अधिकतर लोग हवाई अड्डों का उपयोग केवल यात्रा करने, सामान ‘चेक-इन’ करने, आगमन पर अपना सामान लेने और अपने गंतव्य पर जाने के लिए करते हैं. अन्य बाह्य सेवाओं को यात्री सेवा जितना महत्व नहीं दिया जा सकता.'

रिपोर्ट के अनुसार कि यह सही है कि हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता समग्र परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा और विदेशी धन के प्रवाह में सीधे योगदान देता है. समिति का मानना है कि हवाई अड्डे के सभी टर्मिनल को आरामदायक व सहज बनाने की जरूरत है, लेकिन उन्हें अत्यधिक भव्य बनाने की आवश्यकता नहीं है और गोल्ड प्लेटिंग से लैस करने की जरूरत नहीं है.’ ‘गोल्ड प्लेटिंग’ से तात्पर्य महंगी सुविधाओं को शामिल करने से है, जो किसी परियोजना की लागत को बढ़ा देता है.

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(पीटीआई-भाषा)

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