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Apollo Tyres Q1 Result: अपोलो टायर्स को हुआ दोगुना मुनाफा, नेट प्रॉफिट पहली तिमाही में बढ़कर ₹397 करोड़ - अपोलो टायर्स के चेयरमैन

दुनिया की 7 वीं सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनी अपोलो टायर्स लिमिटेड (Apollo Tyres Limited) ने अपनी तिमाही नतीजे जारी किए है. जिसके अनुसार कंपनी का नेट प्रॉफिट (Apollo Tyres Net Profit) बढ़कर 397 करोड़ रुपये हो गया है.

Apollo Tyres Q1 Result
अपोलो टायर्स
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Published : Aug 10, 2023, 9:06 PM IST

नई दिल्ली: अपोलो टायर्स ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ दोगुना से अधिक होकर 397 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 177 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था. अपोलो टायर्स ने एक बयान में कहा कि जून तिमाही में उसकी परिचालन आय पांच प्रतिशत बढ़कर 6,245 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,942 करोड़ रुपये थी.

अपोलो टायर्स के चेयरमैन ओंकार कंवर ने कहा-
'मैं अपनी यूरोपीय टीम को बधाई देता हूं, जिसने मौजूदा चुनौतियों के बावजूद बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की लागत स्थिर रहने से पिछली तिमाही में मार्जिन बेहतर रहा है.'

अपोलो टायर्स लिमिटेड को 1972 में स्थापित किया गया था और इसका पहला संयंत्र 1977 में चालकुडी, केरल (भारत) में पेरम्बरा में स्थापित किया गया था. अपोलो की भारत में पांच विनिर्माण इकाइयां हैं. जिनमें से एक नीदरलैंड में और एक हंगरी में है. यह दुनिया के सबसे बड़े टायर निर्माताओं में से एक है. भारत में अपोलो टायर्स के पास 5,000 डीलरशिप का नेटवर्क है, जिनमें से 2,500 से ज्यादा एक्सक्लूसिव आउटलेट हैं. अपोलो टायर्स कंपनी अपने राजस्व का 69 फीसदी भारत से, 26 फीसदी यूरोप से और 5 फीसदी अन्य देशों से उत्पन्न करती है. अपोलो अपने उत्पादों को 2 वैश्विक ब्रांडों के अंतर्गत बाजार में पेश करती है यह ब्रांड हैं अपोलो और वेरेस्टीन.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: अपोलो टायर्स ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ दोगुना से अधिक होकर 397 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 177 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था. अपोलो टायर्स ने एक बयान में कहा कि जून तिमाही में उसकी परिचालन आय पांच प्रतिशत बढ़कर 6,245 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,942 करोड़ रुपये थी.

अपोलो टायर्स के चेयरमैन ओंकार कंवर ने कहा-
'मैं अपनी यूरोपीय टीम को बधाई देता हूं, जिसने मौजूदा चुनौतियों के बावजूद बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की लागत स्थिर रहने से पिछली तिमाही में मार्जिन बेहतर रहा है.'

अपोलो टायर्स लिमिटेड को 1972 में स्थापित किया गया था और इसका पहला संयंत्र 1977 में चालकुडी, केरल (भारत) में पेरम्बरा में स्थापित किया गया था. अपोलो की भारत में पांच विनिर्माण इकाइयां हैं. जिनमें से एक नीदरलैंड में और एक हंगरी में है. यह दुनिया के सबसे बड़े टायर निर्माताओं में से एक है. भारत में अपोलो टायर्स के पास 5,000 डीलरशिप का नेटवर्क है, जिनमें से 2,500 से ज्यादा एक्सक्लूसिव आउटलेट हैं. अपोलो टायर्स कंपनी अपने राजस्व का 69 फीसदी भारत से, 26 फीसदी यूरोप से और 5 फीसदी अन्य देशों से उत्पन्न करती है. अपोलो अपने उत्पादों को 2 वैश्विक ब्रांडों के अंतर्गत बाजार में पेश करती है यह ब्रांड हैं अपोलो और वेरेस्टीन.

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(पीटीआई-भाषा)

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