नई दिल्ली: अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के सीईओ अमित सिंह ने बताया कि कंपनी 14,000 करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना बनाई है. वित्त वर्ष 2024 में 11 गीगावॉट की परिचालन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है. कंपनी के अधिकारी ने एक निवेशक प्रस्तुति में कहा कि कंपनी के पास सोलर, विंड और हाइब्रिड क्षमता में 8.4 गीगावॉट का परिचालन नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) पोर्टफोलियो है.
एजीईएल के सीईओ ने क्या कहा
सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में 2.8-3 गीगावॉट क्षमता देने की योजना के साथ, कंपनी का ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो बढ़कर 11 गीगावॉट हो जाएगा. वित्त वर्ष 2024 में, कंपनी ने 14,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का संकेत दिया है. क्षमता वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा गुजरात के खावड़ा में आएगा जहां कंपनी ने 5,000 से अधिक लोगों का कार्यबल तैनात किया है. उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2025 से हर साल 5 गीगावॉट आरई पोर्टफोलियो जोड़ने की है. उन्होंने हमारे पास भारत में सबसे बड़ा परिचालन नवीकरणीय पोर्टफोलियो है. हम अपने विकास के अगले चरण की तैयारी के साथ-साथ अपनी निष्पादन क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं.
Adani Green Energy का लक्ष्य
उन्होंने आगे कहा कि हम गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा आरई क्लस्टर विकसित करने के अपने अगले मील के पत्थर पर बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं. एजीईएल की 97 फीसदी क्षमता 25 साल की अवधि के दीर्घकालिक निर्धारित टैरिफ पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) और 3.02 रुपये प्रति यूनिट के औसत पोर्टफोलियो टैरिफ के तहत है. इसके ग्राहक आधार में भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई), एनटीपीसी और विभिन्न राज्य डिस्कॉम शामिल हैं. एजीईएल की परियोजनाएं राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में आ रही हैं. कंपनी 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रख रही है. भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का है.