मुंबई: पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 1,184 अंक से अधिक लुढ़क गया. विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार ने बजट में सुपर रिच के लिए टैक्स में वृद्धि के रोल-बैक की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया जिसका प्रतिकूल असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है.
ज्ञात हो कि 5 जुलाई को केंद्रीय बजट प्रस्तावित किया गया था. जिसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाली के मूड में थे, लेकिन गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा स्पष्ट कर दिया कि सुपर रिच पर टैक्स नहीं हटेगा.
बता दें कि एफआईआई ने जून में अब तक के स्टॉक में 6,475.55 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जो 2019 में एक महीने में सबसे अधिक है, लेकिन गुरुवार को सीतारमण द्वारा निचले सदन में बजट प्रस्तावों पर बहस करते हुए कहा कि सुपर रिच पर टैक्स नहीं हटेगा. जिसके बाद उम्मीद खत्म होने के कारण गुरुवार को एफआईआई 1,404.86 रुपये और शुक्रवार 950.15 रुपये कि बिक्री हुई.
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सोमवार को सेंसेक्स 305.88 अंकों की गिरावट के साथ 38,031.13 पर और निफ्टी 82.10 अंकों की गिरावट के साथ 11,337.15 पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 560 अंक गिरा था.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने आगे कहा कि यह सुधार बड़े कैप के शेयरों तक विस्तारित हुआ है जो अब तक एफआईआई प्रवाह को आकर्षित कर रहा था, लेकिन टैक्स लगने और Q1 के परिणामों पर चिंताएं अब भी जारी रहेंगी.
नायर ने कहा, "बाजार मंदी के दौर में चला गया क्योंकि निवेशक आर्थिक मंदी और कमजोर कॉर्पोरेट आय के विस्तार की चिंताओं के कारण शेयर बेचने लगे हैं.