मुंबई: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह काफी उठापटक के दौर से गुजरी और सप्ताह अंत के दौरान यह कारोबारियों के लिए काफी मायूसी भरा रहा.
बाजार के सप्ताह भर का लेखा जोखा लगाया जाए तो बाजार में औसत गिरावट का ही सिलसिला देखने को मिला. पिछले साप्ताहिक कारोबार के अंतिम दिन सेंसेक्स 86.88 अंक या 0.22 प्रतिशत कम होकर 38,736.23 पर बंद हुआ. इस शुक्रवार को बीएसई इंडेक्स सेंसेक्स में एक बार फिर से भारी गिरावट दर्ज की गई, जो कि 560 अंक लुढ़क कर 38,337 पर बंद हुआ. इसी के साथ पूरे सप्ताह भर में सेंसेक्स में 399.84 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.
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इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी पिछले शुक्रवार को 30.40 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,552.50 पर बंद हुआ और इस शुक्रवार को भी करीब 178 अंकों की गिरावट के साथ 11,419 पर रहा. जिसके साथ ये साप्ताहिक तौर पर 133.25 अंकों की गिरावट पर बंद हुआ.
हालांकि सप्ताह के शुरुआत में बाजार की शुरुआत अच्छी हुई, क्योंकि आईटी सेक्टर्स के दिग्गज विप्रो, इंफोसिस जैसे शेयरों के अच्छे परिणामो के कारण बाजार शुरूआती दौर में खुशनुमा रहा और सेंसेक्स 160 अंकों की बढ़त के साथ 38,896.15 पर बंद हुआ.
वहीं बाद में बिकवाली का भारी दबाव बढ़ने से दलाल स्ट्रीट पर मायूसी छा गई. बीएसई के ऑटो सेक्टर के सूचकांकों में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. कारोबारियों ने कहा कि कमजोर तिमाही नतीजे, सुस्त पड़ते उपभोग तथा पहले से ऊंचे मूल्यांकन के कारण भी धारणा प्रभावित हुई. कारोबार में अंतिम दो दो दिन की गिरावट से बाजार में निवेशकों को 3.79 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ग्लोबल बाजार की बात करें तो ग्लोबल बाजार में भी निराशा ही देखने को मिली जिसका भी भारतीय बाजार पर निगेटिव असर रहा. वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार में भी कमजोरी का रुख रहा.
बीएसई के 19 सेक्टरों में से सिर्फ दो सेक्टरों के सूचकांकों में मामूली बढ़त रही जबकि 17 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई. तेजी वाले सेक्टरों में पावर (0.36 फीसदी) और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (0.22 फीसदी) शामिल रहे जबकि सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों में ऑटो (3.24 फीसदी), बैंक इंडेक्स (2.14 फीसदी), कंज्यूर डिस्क्रेशनरी गुड्स एंड सर्विसेज (2.11 फीसदी), फाइनेंस (2.02 फीसदी) और बेसिक मेटेरियल्स (1.86 फीसदी) शामिल रहे.