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बजट 2019 और व्यापार संघर्ष पर विराम से शेयर बाजार को मिलेगी दिशा

पिछले सप्ताह उथल-पुथल भरे कारोबार के बावजूद प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांकों में लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद बढ़त दर्ज की गई. इस सप्ताह निवेशकों की नजर खासतौर से पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट पर होगी.

बजट 2019 और व्यापार संघर्ष पर विराम से शेयर बाजार को मिलेगी दिशा
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Published : Jun 30, 2019, 3:33 PM IST

Updated : Jun 30, 2019, 5:42 PM IST

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह कई घरेलू व विदेशी कारकों से तय होगी, जिनमें आगामी आम बजट, मॉनसून की प्रगति और अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार संघर्ष पर लगा विराम प्रमुख हैं.

पिछले सप्ताह उथल-पुथल भरे कारोबार के बावजूद प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांकों में लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद बढ़त दर्ज की गई. इस सप्ताह निवेशकों की नजर खासतौर से पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट पर होगी.

देश में मॉनसून भी प्रगति पर है, जिससे बाजार को सकारात्मक दिशा मिलेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार का पहला पूर्ण बजट पांच जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी. बजट से लोगों की आकांक्षाओं व उम्मीदों और वित्तमंत्री द्वारा सप्ताह के अंत में शुक्रवार की जाने वाली बजटीय घोषणाओं पर दलाल स्ट्रीट की निगाहें होंगी.

ये भी पढ़ें- एलजी 5जी की शुरुआत के बाद अपने वैश्विक स्मार्टफोन भारत में पेश करेगी

हालांकि सप्ताह के आरंभ में घरेलू शेयर बाजार विदेशी संकेतों व अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से चालित रहेगा, क्योंकि पिछले सप्ताह के अंत में जापान में संपन्न हुए दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों की मुलकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने के मकसद से दोबारा बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी. साथ ही, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं के आयात पर नया शुल्क लगाने पर भी फिलहाल विराम लगाने पर सहमति जताई है.

जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुआवेई के मसले सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा और उनके नतीजों का असर देसी व विदेशी शेयर बाजारों पर इस सप्ताह देखने को मिलेगा.

इसके अलावा, कच्चा तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक की दो दिवसीय बैठक भी सोमवार से वियना में शुरू हो रही है, जिसमें ओपेक और गैर-ओपेक देशों के बीच कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला किया जा सकता है.

वहीं, प्रमुख घरेलू कारकों में मॉनसून की प्रगति की रिपोर्ट से बाजार में तेजी का रुझान बन सकता है. हालांकि बारिश का वितरण अब तक खराब रहा है. ऑटो कंपनियां इस सप्ताह पिछले महीने जून में हुई बिक्री के अपने आंकड़े जारी कर सकती हैं.

सप्ताह के दौरान निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े सोमवार को जारी किए जा सकते हैं. वहीं, निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई के जून महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं.

वहीं, विदेशों में जारी होने वाले आंकड़ों का भी शेयर बाजार पर असर दिखेगा. चीन में कक्सीन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े भी सोमवार को ही आने वाले हैं. इसी दिन जापान में साल की दूसरी तिमाही का टंकन लार्ज मैन्यूफैक्च रिंग इंडेक्स जारी होगा.

वहीं, अमेरिका में जून महीने की आईएसएम मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के आकड़े सोमवार को ही जारी होंगे.

विशेषज्ञ बताते हैं कि फिलहाल निवेशकों की नजर आगामी बजट पर है और उम्मीद की जा रही है कि इस पूर्ण बजट में सरकार देश की अर्थवस्था के संकटग्रस्त क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे बाजार में तेजी का माहौल बन सकता है.

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह कई घरेलू व विदेशी कारकों से तय होगी, जिनमें आगामी आम बजट, मॉनसून की प्रगति और अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार संघर्ष पर लगा विराम प्रमुख हैं.

पिछले सप्ताह उथल-पुथल भरे कारोबार के बावजूद प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांकों में लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद बढ़त दर्ज की गई. इस सप्ताह निवेशकों की नजर खासतौर से पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट पर होगी.

देश में मॉनसून भी प्रगति पर है, जिससे बाजार को सकारात्मक दिशा मिलेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार का पहला पूर्ण बजट पांच जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी. बजट से लोगों की आकांक्षाओं व उम्मीदों और वित्तमंत्री द्वारा सप्ताह के अंत में शुक्रवार की जाने वाली बजटीय घोषणाओं पर दलाल स्ट्रीट की निगाहें होंगी.

ये भी पढ़ें- एलजी 5जी की शुरुआत के बाद अपने वैश्विक स्मार्टफोन भारत में पेश करेगी

हालांकि सप्ताह के आरंभ में घरेलू शेयर बाजार विदेशी संकेतों व अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से चालित रहेगा, क्योंकि पिछले सप्ताह के अंत में जापान में संपन्न हुए दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों की मुलकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने के मकसद से दोबारा बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी. साथ ही, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं के आयात पर नया शुल्क लगाने पर भी फिलहाल विराम लगाने पर सहमति जताई है.

जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुआवेई के मसले सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा और उनके नतीजों का असर देसी व विदेशी शेयर बाजारों पर इस सप्ताह देखने को मिलेगा.

इसके अलावा, कच्चा तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक की दो दिवसीय बैठक भी सोमवार से वियना में शुरू हो रही है, जिसमें ओपेक और गैर-ओपेक देशों के बीच कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला किया जा सकता है.

वहीं, प्रमुख घरेलू कारकों में मॉनसून की प्रगति की रिपोर्ट से बाजार में तेजी का रुझान बन सकता है. हालांकि बारिश का वितरण अब तक खराब रहा है. ऑटो कंपनियां इस सप्ताह पिछले महीने जून में हुई बिक्री के अपने आंकड़े जारी कर सकती हैं.

सप्ताह के दौरान निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े सोमवार को जारी किए जा सकते हैं. वहीं, निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई के जून महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं.

वहीं, विदेशों में जारी होने वाले आंकड़ों का भी शेयर बाजार पर असर दिखेगा. चीन में कक्सीन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े भी सोमवार को ही आने वाले हैं. इसी दिन जापान में साल की दूसरी तिमाही का टंकन लार्ज मैन्यूफैक्च रिंग इंडेक्स जारी होगा.

वहीं, अमेरिका में जून महीने की आईएसएम मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के आकड़े सोमवार को ही जारी होंगे.

विशेषज्ञ बताते हैं कि फिलहाल निवेशकों की नजर आगामी बजट पर है और उम्मीद की जा रही है कि इस पूर्ण बजट में सरकार देश की अर्थवस्था के संकटग्रस्त क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे बाजार में तेजी का माहौल बन सकता है.

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बजट 2019 और व्यापार संघर्ष पर विराम से शेयर बाजार को मिलेगी दिशा

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह कई घरेलू व विदेशी कारकों से तय होगी, जिनमें आगामी आम बजट, मॉनसून की प्रगति और अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार संघर्ष पर लगा विराम प्रमुख हैं. 

पिछले सप्ताह उथल-पुथल भरे कारोबार के बावजूद प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांकों में लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद बढ़त दर्ज की गई. इस सप्ताह निवेशकों की नजर खासतौर से पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट पर होगी. 

देश में मॉनसून भी प्रगति पर है, जिससे बाजार को सकारात्मक दिशा मिलेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार का पहला पूर्ण बजट पांच जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी. बजट से लोगों की आकांक्षाओं व उम्मीदों और वित्तमंत्री द्वारा सप्ताह के अंत में शुक्रवार की जाने वाली बजटीय घोषणाओं पर दलाल स्ट्रीट की निगाहें होंगी.

ये भी पढ़ें- 

हालांकि सप्ताह के आरंभ में घरेलू शेयर बाजार विदेशी संकेतों व अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से चालित रहेगा, क्योंकि पिछले सप्ताह के अंत में जापान में संपन्न हुए दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों की मुलकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने के मकसद से दोबारा बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी. साथ ही, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं के आयात पर नया शुल्क लगाने पर भी फिलहाल विराम लगाने पर सहमति जताई है.



जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुआवेई के मसले सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा और उनके नतीजों का असर देसी व विदेशी शेयर बाजारों पर इस सप्ताह देखने को मिलेगा.



इसके अलावा, कच्चा तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक की दो दिवसीय बैठक भी सोमवार से वियना में शुरू हो रही है, जिसमें ओपेक और गैर-ओपेक देशों के बीच कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला किया जा सकता है.



वहीं, प्रमुख घरेलू कारकों में मॉनसून की प्रगति की रिपोर्ट से बाजार में तेजी का रुझान बन सकता है. हालांकि बारिश का वितरण अब तक खराब रहा है. ऑटो कंपनियां इस सप्ताह पिछले महीने जून में हुई बिक्री के अपने आंकड़े जारी कर सकती हैं.



सप्ताह के दौरान निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े सोमवार को जारी किए जा सकते हैं. वहीं, निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई के जून महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं.



वहीं, विदेशों में जारी होने वाले आंकड़ों का भी शेयर बाजार पर असर दिखेगा. चीन में कक्सीन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के जून महीने के आंकड़े भी सोमवार को ही आने वाले हैं. इसी दिन जापान में साल की दूसरी तिमाही का टंकन लार्ज मैन्यूफैक्च रिंग इंडेक्स जारी होगा.



वहीं, अमेरिका में जून महीने की आईएसएम मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के आकड़े सोमवार को ही जारी होंगे.



विशेषज्ञ बताते हैं कि फिलहाल निवेशकों की नजर आगामी बजट पर है और उम्मीद की जा रही है कि इस पूर्ण बजट में सरकार देश की अर्थवस्था के संकटग्रस्त क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे बाजार में तेजी का माहौल बन सकता है. 


Conclusion:
Last Updated : Jun 30, 2019, 5:42 PM IST
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