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गाजियाबादः HIV के हाई रिस्क में 10 एरिया, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में बढ़ रही यह बीमारी

एड्स दिवस मनाने के पीछे मकसद लोगों में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता, कहाँ हो सकते हैं एड्स के हॉटस्पॉट्स, ज़रूर पढ़ें डब्ल्यूएचओ की चेतावनी.

लाल रिबन (Red Ribbon) के पीछे की कहानी
लाल रिबन (Red Ribbon) के पीछे की क्या है कहानी (Representational image (Freepik))
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. विश्व एड्स दिवस मनाने के पीछे मकसद लोगों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक करना है. गाजियाबाद में भी एड्स को लेकर लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है. गाजियाबाद में 2020 से 2022 के बीच एचआईवी एड्स के मामलों में बढ़ोतरी हुई थी. हालांकि 2023 से 2024 के बीच एचआईवी एड्स के मामलों में कमी आई है. गाजियाबाद में एचआईवी एड्स के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 हाइ रिस्क क्षेत्र चिन्हित हैं.

गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन के मुताबिक वर्ष 2024 में 34 गर्भवती महिलाएं HIV संक्रमित पाई गईं. जिनके द्वारा अब तक 22 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया गया है. इन सभी बच्चों को मानकानुसार नेविरापीन सिरप प्रदान किया जा रहा है.

संक्रमित पाये जाने पर रोगी के काउन्टर पार्ट (पति, पत्नी और पार्टनर्स) की भी HIV जांच एवं काउन्सलिंग की जाती है. प्रत्येक HIV पॉजिटिव मरीज़ की टीबी की जांच भी सुनिश्चित की जाती है. अधिकतर मरीजों की पहचान गर्भवती महिलाओं की जांच, टीबी की जांच, यौन सम्बन्धी रोग की जांच, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच, ब्लड बैंक में हुई जांच के दौरान होती है.

एड्स दिवस पर सीएमओ ने दी जानकारी. (ETV Bharat)

गाजियाबाद जिले में कहाँ कहाँ हैं हॉटस्पॉट्स
सीएमओ के मुताबिक HIV एड्स की जांच के बाद पॉजीटिव पाये जाने पर इनका इलाज जिला एमएमजी चिकित्सालय में स्थापित एआरटी सैन्टर में किया जाता है. गर्भवती महिला के पॉजीटिव पाये जाने पर उसके सुरक्षित प्रसव कराने की पूर्ण व्यवस्था है. HIV की जांचें सभी जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है.

गाजियाबाद में ऐसे 10 स्थान हैं, जहां पर हाई रिस्क आबादी और हॉट स्पोट (आई डी यू, एम एस एम, एफ एस डब्लू तथा लम्बी दूरी तक के ट्रक ड्राईवर) है. जिले में मुरादनगर, गुलधर फाटक, सदरपुर, सिकरोड़ा, खोड़ा, शहीदनगर दिल्ली बॉर्डर, विजय नगर, टीला मोड़े, नन्दग्राम और लाल कुआँ हॉटस्पॉट्स हैं. हॉटस्पॉट में विशेष जन जागरूकता और जांच शिविरों का आयोजन किया जाता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) क्या कहती है?

  • विश्वएड्सदिवस (World AIDS Day 2024) पर, आइए सुनिश्चित करें कि एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल सभी के लिए सुलभ हो, बिना किसी कलंक या भेदभाव के.
  • हर किसी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए, चाहे उनकी स्थिति कैसी भी हो, कोई लिंग हो या वे कहीं भी रहते हों.
  • एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल की सेवाएँ हर किसी के लिये हों, जब और जहाँ उन्हें उनकी आवश्यकता हो.
  • इस विश्वएड्सदिवस पर, आइए हम यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवा बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए उपलब्ध हो.

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते #एचआईवी संक्रमण और मौतें एक चेतावनी हैं, डॉ. सिया माउ पियुकला, @RD_WPRO, WHO क्षेत्रीय निदेशक ने कहा. इस #विश्वएड्सदिवस पर, आइए रोकथाम, उपचार और देखभाल में आने वाली बाधाओं को संबोधित करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पीछे न छूट जाए.


गाजियाबाद में एचआईवी के केसेस
० वर्ष 2020 से 2022 के बीच HIV एड्स के संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी. गाजियाबाद में एचआईवी एड्स की स्थिति.

- 2020 में 349 मरीज (239 पुरुष, 98 महिला तथा 5 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-07)

- 2021 में 445 मरीज (315 पुरुष, 109 महिला तथा 5 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-16)

- 2022 में 655 मरीज (466 पुरुष, 164 महिला तथा 6 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-19)

- 2023 में 543 मरीज (389 पुरुष, 141 महिला तथा 4 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-09)

- 2024 (जनवरी से अक्टूबर तक)- 563 मरीज (370 पुरूष, 159 महिला तथा 7 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-17)

० HIV के लक्षण

अकारण बुखार आना.

वजन कम होना.

दस्त एवं खांसी होना.

० HIV संक्रमण का मुख्य कारण

असुरक्षित यौन संबंध.

नशावृत्ति में साझा की गईं सुईयां.

संक्रमित माता से शिशु में प्रसव के दौरान.

एचआईवी संकमित रोगी का रक्त ग्रहण करना.

० Case study
22 साल की उम्र में युवक एचआईवी एड्स से संक्रमित हो गया था. समय रहते युवक ने इलाज करना शुरू कर दिया. इलाज के साथ व्यायाम आदि भी शुरू कर दिया. एचआईवी एड्स के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काम हो गई थी, लेकिन इलाज और व्यायाम के माध्यम से युवक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया. जोकि सामान्य हो गई. फिलहाल बीते 4 वर्षों से सामान्य जीवन जी रहे हैं और इतना ही नहीं एक चैंपियन के तौर पर लोगों और HIV संक्रमितों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा युवक की लगातार काउंसलिंग की गई और इलाज उपलब्ध कराया गया था.

गौरतलब है कि एड्स का सबसे पहला मामला सन 1957 में अफ्रीका के कांगो में सामने आया था. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु के बाद जब उसके खून की जांच की गई थी तो उसमें उसके एड्स से पीड़ित होने की बात सामने आई थी. लेकिन इस बीमारी को “एड्स” के रूप में पहचान वर्ष 1980 में मिली थी. भारत की बात करें तो हमारे देश में वर्ष 1986 में मद्रास में सबसे पहला एड्स का मामला सामने आया था.

लाल रिबन (Red Ribbon) के पीछे की कहानी

लाल रिबन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन का सार्वभौमिक प्रतीक है. इसे पहली बार 1991 में तैयार किया गया था जब बारह कलाकार न्यूयॉर्क एचआईवी-जागरूकता कला संगठन, विज़ुअल एड्स के लिए एक नई परियोजना पर चर्चा करने के लिए मिले थे.

यह वहाँ था कि वे उस दशक के सबसे पहचाने जाने वाले प्रतीकों में से एक बन गए: लाल रिबन, जिसे एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन को दर्शाने के लिए पहना जाता है. कलाकार एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए करुणा की एक दृश्य अभिव्यक्ति बनाना चाहते थे और उन्होंने लाल रंग को इसकी निर्भीकता और जुनून, दिल और प्यार के साथ इसके प्रतीकात्मक जुड़ाव के लिए चुना.
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गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन के मुताबिक वर्ष 2024 में 34 गर्भवती महिलाएं HIV संक्रमित पाई गईं. जिनके द्वारा अब तक 22 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया गया है. इन सभी बच्चों को मानकानुसार नेविरापीन सिरप प्रदान किया जा रहा है.

संक्रमित पाये जाने पर रोगी के काउन्टर पार्ट (पति, पत्नी और पार्टनर्स) की भी HIV जांच एवं काउन्सलिंग की जाती है. प्रत्येक HIV पॉजिटिव मरीज़ की टीबी की जांच भी सुनिश्चित की जाती है. अधिकतर मरीजों की पहचान गर्भवती महिलाओं की जांच, टीबी की जांच, यौन सम्बन्धी रोग की जांच, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच, ब्लड बैंक में हुई जांच के दौरान होती है.

एड्स दिवस पर सीएमओ ने दी जानकारी. (ETV Bharat)

गाजियाबाद जिले में कहाँ कहाँ हैं हॉटस्पॉट्स
सीएमओ के मुताबिक HIV एड्स की जांच के बाद पॉजीटिव पाये जाने पर इनका इलाज जिला एमएमजी चिकित्सालय में स्थापित एआरटी सैन्टर में किया जाता है. गर्भवती महिला के पॉजीटिव पाये जाने पर उसके सुरक्षित प्रसव कराने की पूर्ण व्यवस्था है. HIV की जांचें सभी जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है.

गाजियाबाद में ऐसे 10 स्थान हैं, जहां पर हाई रिस्क आबादी और हॉट स्पोट (आई डी यू, एम एस एम, एफ एस डब्लू तथा लम्बी दूरी तक के ट्रक ड्राईवर) है. जिले में मुरादनगर, गुलधर फाटक, सदरपुर, सिकरोड़ा, खोड़ा, शहीदनगर दिल्ली बॉर्डर, विजय नगर, टीला मोड़े, नन्दग्राम और लाल कुआँ हॉटस्पॉट्स हैं. हॉटस्पॉट में विशेष जन जागरूकता और जांच शिविरों का आयोजन किया जाता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) क्या कहती है?

  • विश्वएड्सदिवस (World AIDS Day 2024) पर, आइए सुनिश्चित करें कि एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल सभी के लिए सुलभ हो, बिना किसी कलंक या भेदभाव के.
  • हर किसी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए, चाहे उनकी स्थिति कैसी भी हो, कोई लिंग हो या वे कहीं भी रहते हों.
  • एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल की सेवाएँ हर किसी के लिये हों, जब और जहाँ उन्हें उनकी आवश्यकता हो.
  • इस विश्वएड्सदिवस पर, आइए हम यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवा बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए उपलब्ध हो.

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते #एचआईवी संक्रमण और मौतें एक चेतावनी हैं, डॉ. सिया माउ पियुकला, @RD_WPRO, WHO क्षेत्रीय निदेशक ने कहा. इस #विश्वएड्सदिवस पर, आइए रोकथाम, उपचार और देखभाल में आने वाली बाधाओं को संबोधित करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पीछे न छूट जाए.


गाजियाबाद में एचआईवी के केसेस
० वर्ष 2020 से 2022 के बीच HIV एड्स के संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी. गाजियाबाद में एचआईवी एड्स की स्थिति.

- 2020 में 349 मरीज (239 पुरुष, 98 महिला तथा 5 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-07)

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- 2022 में 655 मरीज (466 पुरुष, 164 महिला तथा 6 ट्रासजेन्डर) (बच्चे-19)

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० HIV के लक्षण

अकारण बुखार आना.

वजन कम होना.

दस्त एवं खांसी होना.

० HIV संक्रमण का मुख्य कारण

असुरक्षित यौन संबंध.

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22 साल की उम्र में युवक एचआईवी एड्स से संक्रमित हो गया था. समय रहते युवक ने इलाज करना शुरू कर दिया. इलाज के साथ व्यायाम आदि भी शुरू कर दिया. एचआईवी एड्स के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काम हो गई थी, लेकिन इलाज और व्यायाम के माध्यम से युवक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया. जोकि सामान्य हो गई. फिलहाल बीते 4 वर्षों से सामान्य जीवन जी रहे हैं और इतना ही नहीं एक चैंपियन के तौर पर लोगों और HIV संक्रमितों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा युवक की लगातार काउंसलिंग की गई और इलाज उपलब्ध कराया गया था.

गौरतलब है कि एड्स का सबसे पहला मामला सन 1957 में अफ्रीका के कांगो में सामने आया था. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु के बाद जब उसके खून की जांच की गई थी तो उसमें उसके एड्स से पीड़ित होने की बात सामने आई थी. लेकिन इस बीमारी को “एड्स” के रूप में पहचान वर्ष 1980 में मिली थी. भारत की बात करें तो हमारे देश में वर्ष 1986 में मद्रास में सबसे पहला एड्स का मामला सामने आया था.

लाल रिबन (Red Ribbon) के पीछे की कहानी

लाल रिबन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन का सार्वभौमिक प्रतीक है. इसे पहली बार 1991 में तैयार किया गया था जब बारह कलाकार न्यूयॉर्क एचआईवी-जागरूकता कला संगठन, विज़ुअल एड्स के लिए एक नई परियोजना पर चर्चा करने के लिए मिले थे.

यह वहाँ था कि वे उस दशक के सबसे पहचाने जाने वाले प्रतीकों में से एक बन गए: लाल रिबन, जिसे एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन को दर्शाने के लिए पहना जाता है. कलाकार एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए करुणा की एक दृश्य अभिव्यक्ति बनाना चाहते थे और उन्होंने लाल रंग को इसकी निर्भीकता और जुनून, दिल और प्यार के साथ इसके प्रतीकात्मक जुड़ाव के लिए चुना.
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