नई दिल्ली: रामलीला मैदान में आज एक महत्वपूर्ण रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को हटाने की मांग करना है. यह रैली पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता, डॉ. उदित राज के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है, जिसमें देश के दलित, ओबीसी, माइनोरिटीज और आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले इकट्ठा होंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे मुख्य अतिथि: डॉ. उदित राज ने अपने एक्स हैंडल पर इस रैली की जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस रैली के मुख्य अतिथि होंगे. इसका उद्देश्य ईवीएम हटाने के अलावा आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाना, वक्फ बोर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करना और जाति जनगणना की मांग करना है.
उदित राज ने अपने संदेश में कहा कि 26 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने ईवीएम हटाने के लिए आंदोलन का एलान किया है. उनका कहना है कि विपक्ष वर्तमान में कमजोर है, इसलिए सिविल सोसाइटी को इस लड़ाई में और अधिक ताकत लगानी चाहिए. डोमा परिसंघ एक सिविल सोसाइटी का आंदोलन है, जो गैर राजनीतिक है.
जनसभा को संबोधित करेंगे खड़गे: कांग्रेस के एक अन्य पोस्ट में भी बताया गया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे रैली में दोपहर 2 बजे जनसभा को संबोधित करेंगे. रैली के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए, कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से लोगों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है.
यह रैली ऐसे समय में आयोजित की जा रही है जब हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की हार के बाद ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले ही बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है.
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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज: अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे जैसे कई अन्य नेता भी ईवीएम हटाने की मांग कर रहे हैं, हाल ही में इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जहां जीत होती है, वहां ईवीएम ठीक है और जहां हार होती है, वहां ईवीएम गलत नहीं हो सकती.
समाज में जब भी किसी नकारात्मक राजनीतिक परिणाम का सामना करना पड़ता है, ईवीएम को एक मुद्दे की तरह उभारा जाता है. इसी संदर्भ में डोमा परिसंघ द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित ईवीएम हटाओ रैली आने वाले दिनों में राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बनेगी.
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