मुंबई: कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के बढ़ते मामलों से वैश्विक बाजारों में गिरावट के कारण बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 350 अंक से अधिक लुढ़क गया. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित अनिश्चितता के कारण भी निवेशकों की धारणा पर असर रहा. कारोबारियों ने कहा कि अक्टूबर डेरिवेटिव के अनुबंधों का समय समाप्त होने के चलते निवेशक सतर्क रहे.
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 365.19 अंक यानी 0.91 प्रतिशत गिरकर 39,557.27 अंक पर रहा.
इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 106.90 अंक यानी 0.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,622.70 अंक पर रहा.
इन शेयरों में दिखी गिरावट
सेंसेक्स की कंपनियों में टाइटन में सर्वाधिक चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही. इसके अलावा एलएंडटी, ओएनजीसी, टेक महिंद्रा, बजाज ऑटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और नेस्ले इंडिया के शेयरों में भी गिरावट रही.
तेजी में रहे ये शेयर
इनसे उलट एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक के शेयर लाभ में रहे.
इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स 599.64 अंक यानी 1.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,922.46 अंक पर और निफ्टी 159.80 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,729.60 अंक पर बंद हुआ था.
रिलायंस सिक्योरिटीज के संस्थागत व्यवसाय के प्रमुख अर्जुन यश महाजन के अनुसार, अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने से वहां शेयर बाजारों में तेज गिरावट रही. जर्मनी और फ्रांस में महामारी पर नियंत्रण के लिये लगायी गयी नयी पाबंदियों से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब छह दिन बचे हैं और अभी भी अनिश्चितता बरकरार है. इसके चलते भी निवेशक सतर्क हैं.
विदेशी बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की कारोबार के दौरान गिरावट में चल रहा था. चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त में था. अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली. इस बीच कच्चा तेल का अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.13 प्रतिशत लुढ़ककर 39.59 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.
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