हैदराबाद: पिछले बारह साल से भी अधिक समय के बाद शु्क्रवार को एक बार फिर ऐसा मौका आया जब घरेलू शेयर बाजारों में भारी उतार- चढ़ाव के बीच कारोबार को शुरू होने के कुछ ही समय बाद रोकना पड़ा.
- ट्रेडिंग रुकने से पहले, 15 मिनट से कम समय में लगभग 13 लाख रुपये की निवेशक संपत्ति बाजार से खाली हो गई.
- शेयर बाजारों में कारोबार पर इस तरह की रोक इससे पहले 22 जनवरी 2008 को लगी थी, जब सेंसेक्स 1,408 अंकों की हानि के साथ कारोबार कर रहा था. यह सेंसेक्स में पहला चार अंकों का क्रैश था.
- इसके बाद पांच अक्टूबर 2012 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सनक में किये गये सौदे के बाद भी कुछ देर के लिये कारोबार रोका गया था.
- शेयर बाजार सूचकांक में 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के तीन स्तरों पर उतार-चढ़ाव होने की स्थिति में 'सर्किट ब्रेकर' लग जाता है.
- इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड 0.51 प्रतिशत या 5.15 अंक की गिरावट के साथ 1,013.25 पर बंद हुआ. इसका इंट्रा डे लो 865.65 था. इसी तरह स्पाइसजेट लिमिटेड 9.98 प्रतिशत या 4.85 अंक की गिरावट के साथ 43.75 पर बंद हुआ. दोनों 52 सप्ताह के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे.
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार की गिरावट अपने वैश्विक साथियों की तुलना में काफी कम थी.
- 45 मिनट के ठहराव के बाद तीसरी सबसे बड़ी इंट्रा-डे रिकवरी में 16.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
- सेंसेक्स: इंट्राडे हाई -33,917.47, इंट्राडे लो- 29,388.97
- निफ्टी: इंट्राडे हाई- 10,159.40, इंट्राडे लो- 8555.15
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