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भारत में एफपीआई के जरिए अक्टूबर में ₹ 22 हजार करोड़ का निवेश - हिमांशु श्रीवास्तव

एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. इस तरह कुल निवेश अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये रहा.

Foreign portfolio investment
विदेशी पोर्टफोलिसो निवेशक
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Published : Nov 1, 2020, 11:10 PM IST

नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदार की. इसकी मुख्य वजहें आर्थिक गतिविधियों का पुन: शुरू होना और कंपनियों का बढ़िया तिमाही परिणाम रहा.

इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी.

अक्टूबर में रहा कुल 22,033 करोड़ रुपये का निवेश
डिपॉजिटरी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. इस तरह कुल निवेश अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये रहा.

'निवेशकों की रुचि को बनाये रखने में की मदद'
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक बाजारों में अधिशेष तरलता की उपलब्धता भारतीय इक्विटी में विदेशी धन के प्रवाह को सुनिश्चित कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अर्थव्यवस्था के खुलने, व्यावसायिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने और अपेक्षा से बेहतर तिमाही परिणामों ने निवेशकों की रुचि को बनाये रखने में मदद की. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर परिदृश्य में बदलाव जारी है और कई कारक हैं जो विदेशी प्रवाह की दिशा को आगे बढ़ायेंगे.

पढ़ें:अगले साल कब आएगा कोरोना का देसी टीका, भारत बायोटेक ने किया खुलासा

'अगले कुछ महीने हैं काफी महत्वपूर्ण'
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि भारत में कोविड-19 के नये मामले कम हो रहे हैं. यह अभी के समय में भारत को निवेशकों के लिये आकर्षक बनाता है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण होने वाले हैं. अमेरिका में चुनाव, टीके की उपलब्धता आदि जैसे कई बड़े कारक हैं, जो प्रभाव डालेंगे.

नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदार की. इसकी मुख्य वजहें आर्थिक गतिविधियों का पुन: शुरू होना और कंपनियों का बढ़िया तिमाही परिणाम रहा.

इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी.

अक्टूबर में रहा कुल 22,033 करोड़ रुपये का निवेश
डिपॉजिटरी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. इस तरह कुल निवेश अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये रहा.

'निवेशकों की रुचि को बनाये रखने में की मदद'
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक बाजारों में अधिशेष तरलता की उपलब्धता भारतीय इक्विटी में विदेशी धन के प्रवाह को सुनिश्चित कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अर्थव्यवस्था के खुलने, व्यावसायिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने और अपेक्षा से बेहतर तिमाही परिणामों ने निवेशकों की रुचि को बनाये रखने में मदद की. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर परिदृश्य में बदलाव जारी है और कई कारक हैं जो विदेशी प्रवाह की दिशा को आगे बढ़ायेंगे.

पढ़ें:अगले साल कब आएगा कोरोना का देसी टीका, भारत बायोटेक ने किया खुलासा

'अगले कुछ महीने हैं काफी महत्वपूर्ण'
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि भारत में कोविड-19 के नये मामले कम हो रहे हैं. यह अभी के समय में भारत को निवेशकों के लिये आकर्षक बनाता है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण होने वाले हैं. अमेरिका में चुनाव, टीके की उपलब्धता आदि जैसे कई बड़े कारक हैं, जो प्रभाव डालेंगे.

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