नई दिल्ली: एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय तथा बजट में सकारात्मक उपायों की उम्मीद से इस सप्ताह बाजार को दिशा मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदों के समाप्त होने से बाजार में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है.
इसके अलावा निवेशकों की खतरनाक कोरोना विषाणु के चीन और अन्य देशों में फैलने की खबर पर भी नजर होगी. इस विषाणु के कारण चीन में अबतक 56 लोगों की जान जा चुकी हैं. यह करीब एक दर्जन देशों में फैल चुका है.
ये भी पढ़ें- बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "आम बजट से ठीक पहले वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदे के समाप्त होने को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे आने के साथ शेयर विशेष में घट-बढ़ देखने को मिल सकती है. इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर होगी."
उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका का चौथी तिमाही का जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा तथा भारत का राजकोषीय घाटे का आंकड़ा जारी किया जाएगा. इसके अलावा एसबीआई, एचडीएफसी, एचयूएल और मारुति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियों के वित्तीय परिणाम जारी होंगे जिसका असर बाजार पर पड़ेगा.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "कंपनियों की तीसरी तिमाही के परिणामों से उम्मीदें थी लेकिन जो नतीजे आये हैं, वे उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं. इससे बाजार में निवेशक थोड़े सतर्क हैं. हमारा मानना है कि निकट भविष्य में यह सतर्क रुख बना रहेगा."
उन्होंने कहा, "आने वाले समय में बाजार को बजट की घोषणा से दिशा मिलेगी. इस सप्ताह में काफी कुछ होना है. इसमें बजट के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीतियां शामिल हैं."
ट्रेडिंग बेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा, "इस सप्ताह केंद्रीय बजट का दबदबा होगा लेकिन वैश्विक रुख और तीसरी तिमाही के परिणाम का भी बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है. वैश्विक बाजारों के लिये कोरोना विषाणु चिंता का प्रमुख कारण है. अगर स्थिति बिगड़ती है, अल्पकाल में नरमी दिखने को मिल सकती है."
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बृहस्पतिवार को ब्याज दर के बारे में घोषणा करेगा. इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति तथा ब्रेंट क्रूड के भाव पर भी बाजार की नजर होगी. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 332.18 अंक यानी 0.79 प्रतिशत टूटा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के अजित मिश्रा ने कहा, "बजट से काफी उम्मीदें हैं. बाजार भागीदारों को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सरकार की तरफ से अतिरिक्त कदम उठाने की उम्मीद है. इससे आने वाले सत्र में बाजार में तेजी आ सकती है. इसके अलावा कंपनियों के तिमाही परिणाम भी आने हैं. इससे संबंधित शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है."
तिमाही परिणाम और बजट उम्मीदों से बाजार को मिलेगी दिशा: विश्लेषक - pre-Budget expectations to drive markets this week
आम बजट से ठीक पहले वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदे के समाप्त होने को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे आने के साथ शेयर विशेष में घट-बढ़ देखने को मिल सकती है.
नई दिल्ली: एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय तथा बजट में सकारात्मक उपायों की उम्मीद से इस सप्ताह बाजार को दिशा मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदों के समाप्त होने से बाजार में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है.
इसके अलावा निवेशकों की खतरनाक कोरोना विषाणु के चीन और अन्य देशों में फैलने की खबर पर भी नजर होगी. इस विषाणु के कारण चीन में अबतक 56 लोगों की जान जा चुकी हैं. यह करीब एक दर्जन देशों में फैल चुका है.
ये भी पढ़ें- बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "आम बजट से ठीक पहले वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदे के समाप्त होने को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे आने के साथ शेयर विशेष में घट-बढ़ देखने को मिल सकती है. इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर होगी."
उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका का चौथी तिमाही का जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा तथा भारत का राजकोषीय घाटे का आंकड़ा जारी किया जाएगा. इसके अलावा एसबीआई, एचडीएफसी, एचयूएल और मारुति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियों के वित्तीय परिणाम जारी होंगे जिसका असर बाजार पर पड़ेगा.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "कंपनियों की तीसरी तिमाही के परिणामों से उम्मीदें थी लेकिन जो नतीजे आये हैं, वे उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं. इससे बाजार में निवेशक थोड़े सतर्क हैं. हमारा मानना है कि निकट भविष्य में यह सतर्क रुख बना रहेगा."
उन्होंने कहा, "आने वाले समय में बाजार को बजट की घोषणा से दिशा मिलेगी. इस सप्ताह में काफी कुछ होना है. इसमें बजट के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीतियां शामिल हैं."
ट्रेडिंग बेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा, "इस सप्ताह केंद्रीय बजट का दबदबा होगा लेकिन वैश्विक रुख और तीसरी तिमाही के परिणाम का भी बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है. वैश्विक बाजारों के लिये कोरोना विषाणु चिंता का प्रमुख कारण है. अगर स्थिति बिगड़ती है, अल्पकाल में नरमी दिखने को मिल सकती है."
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बृहस्पतिवार को ब्याज दर के बारे में घोषणा करेगा. इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति तथा ब्रेंट क्रूड के भाव पर भी बाजार की नजर होगी. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 332.18 अंक यानी 0.79 प्रतिशत टूटा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के अजित मिश्रा ने कहा, "बजट से काफी उम्मीदें हैं. बाजार भागीदारों को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सरकार की तरफ से अतिरिक्त कदम उठाने की उम्मीद है. इससे आने वाले सत्र में बाजार में तेजी आ सकती है. इसके अलावा कंपनियों के तिमाही परिणाम भी आने हैं. इससे संबंधित शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है."
तिमाही परिणाम और बजट उम्मीदों से बाजार को मिलेगी दिशा: विश्लेषक
नई दिल्ली: एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय तथा बजट में सकारात्मक उपायों की उम्मीद से इस सप्ताह बाजार को दिशा मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदों के समाप्त होने से बाजार में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है.
इसके अलावा निवेशकों की खतरनाक कोरोना विषाणु के चीन और अन्य देशों में फैलने की खबर पर भी नजर होगी. इस विषाणु के कारण चीन में अबतक 56 लोगों की जान जा चुकी हैं. यह करीब एक दर्जन देशों में फैल चुका है.
ये भी पढ़ें-
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "आम बजट से ठीक पहले वायदा एवं विकल्प खंड में इस माह के सौदे के समाप्त होने को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे आने के साथ शेयर विशेष में घट-बढ़ देखने को मिल सकती है. इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर होगी."
उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका का चौथी तिमाही का जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा तथा भारत का राजकोषीय घाटे का आंकड़ा जारी किया जाएगा. इसके अलावा एसबीआई, एचडीएफसी, एचयूएल और मारुति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियों के वित्तीय परिणाम जारी होंगे जिसका असर बाजार पर पड़ेगा.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "कंपनियों की तीसरी तिमाही के परिणामों से उम्मीदें थी लेकिन जो नतीजे आये हैं, वे उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं. इससे बाजार में निवेशक थोड़े सतर्क हैं. हमारा मानना है कि निकट भविष्य में यह सतर्क रुख बना रहेगा."
उन्होंने कहा, "आने वाले समय में बाजार को बजट की घोषणा से दिशा मिलेगी. इस सप्ताह में काफी कुछ होना है. इसमें बजट के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीतियां शामिल हैं."
ट्रेडिंग बेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा, "इस सप्ताह केंद्रीय बजट का दबदबा होगा लेकिन वैश्विक रुख और तीसरी तिमाही के परिणाम का भी बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है. वैश्विक बाजारों के लिये कोरोना विषाणु चिंता का प्रमुख कारण है. अगर स्थिति बिगड़ती है, अल्पकाल में नरमी दिखने को मिल सकती है."
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बृहस्पतिवार को ब्याज दर के बारे में घोषणा करेगा. इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति तथा ब्रेंट क्रूड के भाव पर भी बाजार की नजर होगी. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 332.18 अंक यानी 0.79 प्रतिशत टूटा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के अजित मिश्रा ने कहा, "बजट से काफी उम्मीदें हैं. बाजार भागीदारों को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सरकार की तरफ से अतिरिक्त कदम उठाने की उम्मीद है. इससे आने वाले सत्र में बाजार में तेजी आ सकती है. इसके अलावा कंपनियों के तिमाही परिणाम भी आने हैं. इससे संबंधित शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है."
Conclusion: