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जुलाई तक जारी रहेगी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती

ओपेक से संबद्ध देशों और रूस की अगुवाई में इससे बाहर के देशों की शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह फैसला किया गया. इस कदम का मकसद अधिशेष उत्पादन को कम करना, कीमतों में आ रही गिरावट को थामना है.

जुलाई तक जारी रहेगी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती
जुलाई तक जारी रहेगी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती
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Published : Jun 7, 2020, 2:57 PM IST

दुबई: पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है. यह कदम कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बाजार में स्थिरता लाने की उम्मीद में उठाया गया है.

ओपेक से संबद्ध देशों और रूस की अगुवाई में इससे बाहर के देशों की शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह फैसला किया गया. इस कदम का मकसद अधिशेष उत्पादन को कम करना, कीमतों में आ रही गिरावट को थामना है. वैश्विक स्तर पर विमानन सेवाएं इस महामारी की वजह से अब भी लगभग ठप हैं, जिससे कच्चे तेल की मांग प्रभावित हुई है.

ये भी पढ़ें- भारत पर दांव लगाने का बेहतरीन समय: गौतम अडाणी

उत्पादन में कुल कटौती वैश्विक स्तर पर आपूर्ति का करीब दस प्रतिशत बैठती है. हालांकि, कई देशों ने लॉकडाउन में अब ढील दी है लेकिन कच्चे तेल के बाजार में जोखिम कायम है.

ओपेक के अध्यक्ष एवं अल्जीरिया के पेट्रोलियम मंत्री मोहम्मद अरकब ने चेताया कि इस साल के मध्य तक वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का भंडारण बढ़कर 1.5 अरब बैरल पर पहुंच जाएगा. अरकब ने कहा कि इस दिशा में आज की तारीख तक हुई प्रगति के बावजूद हम अभी अपने प्रयासों में ढील नहीं दे सकते.

सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि आज हम जहां पहुंचे हैं उसके लिए सभी ने प्रयास किया है. सलमान ने कहा कि अप्रैल में जिस दिन अमेरिका का तेल वायदा शून्य से नीचे आया था, तो उन्हें काफी झटका लगा था.

(पीटीआई-भाषा)

दुबई: पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है. यह कदम कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बाजार में स्थिरता लाने की उम्मीद में उठाया गया है.

ओपेक से संबद्ध देशों और रूस की अगुवाई में इससे बाहर के देशों की शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह फैसला किया गया. इस कदम का मकसद अधिशेष उत्पादन को कम करना, कीमतों में आ रही गिरावट को थामना है. वैश्विक स्तर पर विमानन सेवाएं इस महामारी की वजह से अब भी लगभग ठप हैं, जिससे कच्चे तेल की मांग प्रभावित हुई है.

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उत्पादन में कुल कटौती वैश्विक स्तर पर आपूर्ति का करीब दस प्रतिशत बैठती है. हालांकि, कई देशों ने लॉकडाउन में अब ढील दी है लेकिन कच्चे तेल के बाजार में जोखिम कायम है.

ओपेक के अध्यक्ष एवं अल्जीरिया के पेट्रोलियम मंत्री मोहम्मद अरकब ने चेताया कि इस साल के मध्य तक वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का भंडारण बढ़कर 1.5 अरब बैरल पर पहुंच जाएगा. अरकब ने कहा कि इस दिशा में आज की तारीख तक हुई प्रगति के बावजूद हम अभी अपने प्रयासों में ढील नहीं दे सकते.

सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि आज हम जहां पहुंचे हैं उसके लिए सभी ने प्रयास किया है. सलमान ने कहा कि अप्रैल में जिस दिन अमेरिका का तेल वायदा शून्य से नीचे आया था, तो उन्हें काफी झटका लगा था.

(पीटीआई-भाषा)

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