नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते पिछले साल जीडीपी वृद्धि में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. इसके बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने साल के बाकी छह महीनों में जी-20 देशों में कुछ चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के लिए तेजी से सुधार किया है. यही वजह है कि पिछले वर्ष की अंतिम दो तिमाहियों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है, जो वित्त मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़े दिखाते हैं.
मई 2021 की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में, वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वी-आकार (V-shap) में सुधार करने का जिक्र किया है, क्योंकि मार्च 2020 में देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन लागू होने के कारण आर्थिक गिरावट की अवधि अल्पकालिक थी.
देश के शीर्ष सांख्यिकी निकाय एनएसओ द्वारा जारी देश के आर्थिक विकास के प्रोविजनल अनुमानों के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की कमी आई, जो 8 प्रतिशत के अनुमानित गिरावट के दूसरे अग्रिम अनुमान से सुधार दिखाता है.
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मोटे तौर पर वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिर वी-आकार की वसूली के कारण था.
नवंबर 2020 की अपनी मासिक रिपोर्ट में, वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 2020-21 के मध्य में वी-आकार की रिकवरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलापन और मजबूती को दर्शाती है.
भारत की जीडीपी में हुई थी सबसे बड़ी गिरावट
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण पिछले साल अप्रैल-जून की अवधि में भारत की जीडीपी में 24.4% की गिरावट दर्ज की गई थी, जो जी-20 देशों में सबसे अधिक गिरावट थी.
हालांकि, जून 2020 में शुरू हुई चरणबद्ध अनलॉकिंग प्रक्रिया के साथ, अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में गिरावट -24.4% से घटकर -7.3% हो गई.
पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में संचयी गिरावट -15.9% थी, लेकिन अर्थव्यवस्था अंततः दो तिमाहियों की मंदी से बाहर आई और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर अवधि) में भारतीय अर्थव्यवस्था ने आधे प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. चूंकि त्योहारी सीजन में मांग के कारण इस अवधि के दौरान वस्तुओं और सेवाओं की खपत में वृद्धि हुई है.
जनवरी-मार्च की अवधि में गति बनी रही और साथ ही सरकार ने बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी योजनाओं पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप चौथी तिमाही में 1.6% की वृद्धि हुई.
सार्वजनिक व्यय और त्योहारी मांग से वृद्धि को मिली गति
वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में, देश ने पहली छमाही में 15.9% की गिरावट के मुकाबले 1.1% साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की. मंत्रालय के आकलन के अनुसार, पहले छह महीनों (H1 - अप्रैल से सितंबर की अवधि) के मुकाबले दूसरी छमाही (H2 - अक्टूबर से मार्च की अवधि) में 25.5% की वृद्धि दर्ज की गई.
इसी तरह, वास्तविक सकल मूल्य वर्धित या ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) के संदर्भ में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2020-21 में 6.2% की गिरावट दर्ज की, जिसमें वित्त वर्ष 2020-21 के पहले छह महीनों में 14.9% की गिरावट और दूसरी छमाही में 2.4% की वृद्धि दर्ज की गई.
पहली तिमाही (Q1) में 24.4% की रिकॉर्ड गिरावट के बाद भारत की तिमाही-वार जीडीपी वृद्धि में लगातार सुधार देखने को मिला. दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में गिरावट की दर घटकर 7.4% हो गई, तीसरी तिमाही में इसमें 50 आधार अंक की वृद्धि दर्ज की गई और चौथी तिमाही में जीडीपी में 1.6% की वृद्धि दर्ज की गई.
इसी तरह, सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में पहली तिमाही में 22.4% की गिरावट आई और उसके बाद दूसरी तिमाही (Q2) में 7.3% की गिरावट आई और फिर इसमें तीसरी तिमाही (Q3) में 1% और चौथी तिमाही (Q4) में 3.7% की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई.
बता दें कि जीवीए सकल घरेलू उत्पाद की गणना में शामिल करों और सब्सिडी को समायोजित करता है.
मंत्रालय ने कहा कि तीसरी और चौथी तिमाही में सब्सिडी के बड़े योगदान को देखते हुए, Q3 में अनुमानित जीवीए में 1.6 प्रतिशत और Q4 में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि का, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक प्रदर्शन का अधिक प्रतिनिधि है.
मंत्रालय ने कहा कि चौथी तिमाही के दौरान उच्च आर्थिक विकास को अर्थव्यवस्था के अनलॉकिंग और व्यापार व उपभोक्ता विश्वास में पुनरुद्धार से जोड़ा जा सकता है, जो इस अवधि के दौरान चल रहा था.
दूसरी छमाही में सिर्फ तीन देशों ने दर्ज की सकारात्मक वृद्धि
वित्त मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत उन चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिन्होंने पिछली दो लगातार तिमाहियों में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी है. वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए विश्लेषण में G20 समूह की 16 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से केवल छह अर्थव्यवस्थाओं ने चौथी तिमाही में सकारात्मक आर्थिक विकास किया है, इनमें कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, चीन, भारत और तुर्की शामिल हैं.
इनमें से केवल चार- चीन, भारत, फ्रांस और तुर्की ने चौथी तिमाही में 1% से अधिक की वृद्धि हासिल की, और उनमें से केवल तीन- चीन, भारत और तुर्की ने पिछली दो तिमाहियों में सकारात्मक डीजीपी वृद्धि दर्ज की.
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जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, फ्रांस, इटली, स्पेन और कनाडा आठ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में से हैं. वहीं भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, मैक्सिको और इंडोनेशिया जी20 में आठ प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं.
वित्त मंत्रालय ने जी-20 समूह के आर्थिक प्रदर्शन के अपने विश्लेषण में तीन सदस्य देशों - ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और सऊदी अरब के डेटा का उपयोग नहीं किया.
जी-20 समूह का विश्व जीडीपी में 80% से अधिक का योगदान है. साथ ही यह वैश्विक व्यापार का 75% और विश्व की 60% आबादी साझा करता है.