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भारत को सस्ते दर पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकते: अमेरिका

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है अत: सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है."

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Published : May 6, 2019, 8:14 PM IST

भारत को सस्ते दर पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकते: अमेरिका

नई दिल्ली: अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है अत: सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है."

ये भी पढ़ें- वित्त आयोग की मुंबई में आठ-नौ मई को रिजर्व बैंक गवर्नर, बैंक अधिकारियों से होगी मुलाकात

अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाये गये प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिये फायदेमंद होता है.

ईरान खरीदारों को भुगतान के लिये 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है. रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "ईरान एक समस्या है, यदि आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिये जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं."

भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, "अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है." उल्लेखनीय है कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने ईरान से 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा. यह भारत की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत है.

नई दिल्ली: अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है अत: सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है."

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अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाये गये प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिये फायदेमंद होता है.

ईरान खरीदारों को भुगतान के लिये 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है. रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "ईरान एक समस्या है, यदि आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिये जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं."

भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, "अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है." उल्लेखनीय है कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने ईरान से 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा. यह भारत की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत है.

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भारत को सस्ते दर पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकते: अमेरिका

नई दिल्ली: अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है. 

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है अत: सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है." 

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अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाये गये प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिये फायदेमंद होता है. 

ईरान खरीदारों को भुगतान के लिये 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है. रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "ईरान एक समस्या है, यदि आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिये जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं." 

भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, "अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है." उल्लेखनीय है कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने ईरान से 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा. यह भारत की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत है.


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