ETV Bharat / business

वित्तीय संकट से जूझ रहा संयुक्त राष्ट्र, समाधान की आवश्यकता: भारत

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट में अप्रैल में इसे स्वीकार भी किया था.

वित्तीय संकट से जूझ रहा संयुक्त राष्ट्र, समाधान की आवश्यकता: भारत
author img

By

Published : Jun 7, 2019, 4:22 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 5:03 PM IST

न्यूयार्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र की खराब वित्तीय स्थिति को हकीकत बताते हुए इसे ठीक करने के लिये विस्तृत समाधान निकालने की मांग की है.

विभिन्न शांति अभियानों के एवज में संयुक्त राष्ट्र के ऊपर भारत का 3.80 करोड़ डॉलर बकाया है. यह संयुक्त राष्ट्र के ऊपर किसी भी देश के सबसे अधिक बकायों में से एक है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट में अप्रैल में इसे स्वीकार भी किया था.

ये भी पढ़ें- जयश्री उल्लाल, सिंटेल नीरजा सेठी और नेहा नरखेड़े अमेरिका की सबसे अमीर स्व-निर्मित महिलाओं में शुमार

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के एक सत्र में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान का वित्त वर्ष 30 जून को पूरा होने वाला है. सदस्य देशों को शांति अभियानों के बजट के लिये 1.9 अरब डॉलर और नियमित बजट के लिये 1.5 अरब डॉलर देना शेष है.

उन्होंने कहा कि भारत समेत कई अन्य देश जो शांति अभियानों के लिये सर्वाधिक जवान दे रहे हैं, समाप्त हो चुके शांति अभियानों के एवज में लंबे समय से अपने वैध बकाये के भुगतान की मांग कर रहे हैं. नायडू ने कहा, "हमारी अपेक्षा यह है कि समस्या पर चर्चा हो और इसे विस्तृत तरीके से दूर किया जाये."

न्यूयार्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र की खराब वित्तीय स्थिति को हकीकत बताते हुए इसे ठीक करने के लिये विस्तृत समाधान निकालने की मांग की है.

विभिन्न शांति अभियानों के एवज में संयुक्त राष्ट्र के ऊपर भारत का 3.80 करोड़ डॉलर बकाया है. यह संयुक्त राष्ट्र के ऊपर किसी भी देश के सबसे अधिक बकायों में से एक है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट में अप्रैल में इसे स्वीकार भी किया था.

ये भी पढ़ें- जयश्री उल्लाल, सिंटेल नीरजा सेठी और नेहा नरखेड़े अमेरिका की सबसे अमीर स्व-निर्मित महिलाओं में शुमार

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के एक सत्र में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान का वित्त वर्ष 30 जून को पूरा होने वाला है. सदस्य देशों को शांति अभियानों के बजट के लिये 1.9 अरब डॉलर और नियमित बजट के लिये 1.5 अरब डॉलर देना शेष है.

उन्होंने कहा कि भारत समेत कई अन्य देश जो शांति अभियानों के लिये सर्वाधिक जवान दे रहे हैं, समाप्त हो चुके शांति अभियानों के एवज में लंबे समय से अपने वैध बकाये के भुगतान की मांग कर रहे हैं. नायडू ने कहा, "हमारी अपेक्षा यह है कि समस्या पर चर्चा हो और इसे विस्तृत तरीके से दूर किया जाये."

Intro:Body:

हकीकत है संयुक्त राष्ट्र का वित्तीय संकट: भारत

न्यूयार्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र की खराब वित्तीय स्थिति को हकीकत बताते हुए इसे ठीक करने के लिये विस्तृत समाधान निकालने की मांग की है.

विभिन्न शांति अभियानों के एवज में संयुक्त राष्ट्र के ऊपर भारत का 3.80 करोड़ डॉलर बकाया है. यह संयुक्त राष्ट्र के ऊपर किसी भी देश के सबसे अधिक बकायों में से एक है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट में अप्रैल में इसे स्वीकार भी किया था.

ये भी पढ़ें- 

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिति बेहतर करने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के एक सत्र में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान का वित्त वर्ष 30 जून को पूरा होने वाला है. सदस्य देशों को शांति अभियानों के बजट के लिये 1.9 अरब डॉलर और नियमित बजट के लिये 1.5 अरब डॉलर देना शेष है.

उन्होंने कहा कि भारत समेत कई अन्य देश जो शांति अभियानों के लिये सर्वाधिक जवान दे रहे हैं, समाप्त हो चुके शांति अभियानों के एवज में लंबे समय से अपने वैध बकाये के भुगतान की मांग कर रहे हैं. नायडू ने कहा, "हमारी अपेक्षा यह है कि समस्या पर चर्चा हो और इसे विस्तृत तरीके से दूर किया जाये." 

 


Conclusion:
Last Updated : Jun 7, 2019, 5:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.