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ताजिकिस्तान के साथ अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के समझौते से मंत्रिमंडल को कराया अवगत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) से अवगत कराया गया. इस एमओयू पर 8 अक्टूबर, 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.

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Published : Mar 1, 2019, 8:41 AM IST

नई दिल्ली : मंत्रिमंडल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत और ताजिकिस्तान के बीच हुए सहयोग के समझौते से अवगत कराया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और ताजिकिस्तान के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए सहमति पत्र (एमओयू) की जानकारी दी गयी.

इस एमओयू पर आठ अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किये गये थे. इस एमओयू से आपसी लाभ, समानता एवं पारस्पारिकता के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने हेतु भारत और ताजिकिस्तान के बीच सहयोगात्मक संस्थागत संबंधों के लिए एक ठोस आधार की स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रौद्योगिकियों के विकास व उपयोग पर फोकस किया जाएगा. इससे विभिन्न उपायों के जरिये दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक बढ़ेगा.

वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मियों का आदान-प्रदान एवं प्रशिक्षण, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सूचनाओं तथा आंकड़ों का आदान-प्रदान, कार्यशालाओं व संगोष्ठियों का आयोजन एवं कार्य समूहों का गठन, गैर-वाणिज्यिक आधार पर उपकरणों, आवश्यक जानकारियों एवं प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, पारस्परिक हित वाले विषयों पर संयुक्त अनुसंधान अथवा तकनीकी परियोजनाओं का विकास एवं दोनों ही देशों द्वारा निर्धारित किए गए अन्य तरीके इन विभिन्न उपायों में शामिल हैं.
(भाषा)
पढ़ें : जानें कैसे विभिन्न बीमा पॉलिसियों में निवेश करके आप अपने टैक्स बचा सकते हैं

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नई दिल्ली : मंत्रिमंडल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत और ताजिकिस्तान के बीच हुए सहयोग के समझौते से अवगत कराया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और ताजिकिस्तान के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए सहमति पत्र (एमओयू) की जानकारी दी गयी.

इस एमओयू पर आठ अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किये गये थे. इस एमओयू से आपसी लाभ, समानता एवं पारस्पारिकता के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने हेतु भारत और ताजिकिस्तान के बीच सहयोगात्मक संस्थागत संबंधों के लिए एक ठोस आधार की स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रौद्योगिकियों के विकास व उपयोग पर फोकस किया जाएगा. इससे विभिन्न उपायों के जरिये दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक बढ़ेगा.

वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मियों का आदान-प्रदान एवं प्रशिक्षण, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सूचनाओं तथा आंकड़ों का आदान-प्रदान, कार्यशालाओं व संगोष्ठियों का आयोजन एवं कार्य समूहों का गठन, गैर-वाणिज्यिक आधार पर उपकरणों, आवश्यक जानकारियों एवं प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, पारस्परिक हित वाले विषयों पर संयुक्त अनुसंधान अथवा तकनीकी परियोजनाओं का विकास एवं दोनों ही देशों द्वारा निर्धारित किए गए अन्य तरीके इन विभिन्न उपायों में शामिल हैं.
(भाषा)
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) से अवगत कराया गया. इस एमओयू पर 8 अक्टूबर, 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.



नई दिल्ली : मंत्रिमंडल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत और ताजिकिस्तान के बीच हुए सहयोग के समझौते से अवगत कराया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और ताजिकिस्तान के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए सहमति पत्र (एमओयू) की जानकारी दी गयी.

इस एमओयू पर आठ अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किये गये थे. इस एमओयू से आपसी लाभ, समानता एवं पारस्पारिकता के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने हेतु भारत और ताजिकिस्तान के बीच सहयोगात्मक संस्थागत संबंधों के लिए एक ठोस आधार की स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रौद्योगिकियों के विकास व उपयोग पर फोकस किया जाएगा. इससे विभिन्न उपायों के जरिये दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक बढ़ेगा.

वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मियों का आदान-प्रदान एवं प्रशिक्षण, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सूचनाओं तथा आंकड़ों का आदान-प्रदान, कार्यशालाओं व संगोष्ठियों का आयोजन एवं कार्य समूहों का गठन, गैर-वाणिज्यिक आधार पर उपकरणों, आवश्यक जानकारियों एवं प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, पारस्परिक हित वाले विषयों पर संयुक्त अनुसंधान अथवा तकनीकी परियोजनाओं का विकास एवं दोनों ही देशों द्वारा निर्धारित किए गए अन्य तरीके इन विभिन्न उपायों में शामिल हैं.


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