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संयुक्त राष्ट्र का अनुमान- 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियां खतरे में

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान वायरस के प्रभाव के आकलन पर आधारित है. इससे पहले, आईएलओ ने 18 मार्च को नौकरियां जाने का एक अनुमान जताया था. उस अनुमान के मुकबले मौजूदा अनुमान कहीं बड़ा है.

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Published : Apr 8, 2020, 10:44 AM IST

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान- 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियां खतरे में
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान- 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियां खतरे में

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र का श्रम संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण केवल दूसरी तिमाही में ही 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नोकरियां खत्म हो सकती हैं. इस महामारी और इसकी रोकथाम के लिये दुनिया भर में जारी लॉकडाउन के कारण कल-कारखाने और अन्य व्यवसाय बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान वायरस के प्रभाव के आकलन पर आधारित है. इससे पहले, आईएलओ ने 18 मार्च को नौकरियां जाने का एक अनुमान जताया था. उस अनुमान के मुकबले मौजूदा अनुमान कहीं बड़ा है.

ये भी पढ़ें- भारत करेगा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात, हटाया प्रतिबंध : विदेश मंत्रालय

आईएलओ के महानिदेशक गाई राइडर ने कहा, "ये आंकड़े स्वयं बताते हैं कि स्थिति कितनी भयवाह है. दुनिया भर के कामगार मौजूदा संकट से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं."

संगठन ने कहा कि पूर्ण या आंशिक रूप से लॉकडाउन के कारण करीब 2.7 अरब कामगार प्रभावित हुए हैं. यह वैश्विक कार्यबल का करीब 81 प्रतिशत है.

इसमें से होटल और खाद्य क्षेत्र, विनिर्माण और खुदरा क्षेत्र में काम करने करने वाले करीब 1.25 अरब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

(पीटीआई-भाषा)

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र का श्रम संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण केवल दूसरी तिमाही में ही 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नोकरियां खत्म हो सकती हैं. इस महामारी और इसकी रोकथाम के लिये दुनिया भर में जारी लॉकडाउन के कारण कल-कारखाने और अन्य व्यवसाय बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान वायरस के प्रभाव के आकलन पर आधारित है. इससे पहले, आईएलओ ने 18 मार्च को नौकरियां जाने का एक अनुमान जताया था. उस अनुमान के मुकबले मौजूदा अनुमान कहीं बड़ा है.

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आईएलओ के महानिदेशक गाई राइडर ने कहा, "ये आंकड़े स्वयं बताते हैं कि स्थिति कितनी भयवाह है. दुनिया भर के कामगार मौजूदा संकट से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं."

संगठन ने कहा कि पूर्ण या आंशिक रूप से लॉकडाउन के कारण करीब 2.7 अरब कामगार प्रभावित हुए हैं. यह वैश्विक कार्यबल का करीब 81 प्रतिशत है.

इसमें से होटल और खाद्य क्षेत्र, विनिर्माण और खुदरा क्षेत्र में काम करने करने वाले करीब 1.25 अरब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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