वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने योग्यता पर आधारित आव्रजन प्रणाली पेश की है जिससे ग्रीन कार्ड या स्थायी वैध निवास की अनुमति का इंतजार कर रहे सैंकड़ों-हजारों भारतीयों समेत विदेशी पेशेवरों एवं कुशल श्रमिकों को लाभ होगा.
आव्रजन सुधार प्रस्तावों में कुशल कर्मियों के लिए आरक्षण को करीब 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 57 प्रतिशत करने की बात की गई है. इसके अलावा प्रस्तावित सुधारों के तहत आव्रजकों को अंग्रेजी सीखनी होगी और दाखिले से पहले नागरिक शास्त्र की परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा.
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हालांकि इस बड़ी आव्रजन नीति को फिलहाल कांग्रेस की मंजूरी मिलना कठिन लग रहा है क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद इस मामले पर बंटे हुए हैं. प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का नियंत्रण है. ऐसे में इस नीति को मंजूरी मिलना आसान नहीं होगा.
राष्ट्रपति अपने रिपब्लिकन सांसदों को इस मुद्दे पर समझाने में सफल हो जाएं तो भी सांसद नैंसी पेलोसी के नेतृत्व वाले डेमोक्रेट और दूसरे नेता इसके धुर विरोध में खड़े हैं. आव्रजन नीति के संबंध में 'रोज गार्डन' में घोषणा करते समय ट्रम्प ने स्वयं भी इसे पारित कराने में आने वाली मुश्किलों को स्वीकार किया और उन्होंने इसे आगामी साल में चुनावी मुद्दा बनाए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि रिपब्लिकन पार्टी को प्रतिनिधि सभा में भी बहुमत हासिल करने, सीनेट में बहुमत बनाए रखने और उन्हें स्वयं दोबारा व्हाइट हाउस मे चुने जाने की आवश्यकता है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका में पिछली बार आव्रजन सुधार 54 वर्ष पहले हुआ था. ट्रम्प ने कहा कि वह एक ऐसी योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली प्रस्तावित कर रहे हैं, जिसके तहत स्थायी कानूनी आवास आयु, ज्ञान, नौकरी के अवसर के आधार पर उन लोगों को दिया जाएगा जो नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारी समझते हों.
ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर की यह नई योजना मुख्य रूप से सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और ग्रीनकार्ड तथा वैध स्थायी निवास प्रणाली को दुरुस्त करने पर केंद्रित है जिससे योग्यता, उच्च डिग्री धारक और पेशेवेर योग्यता रखने वाले लोगों के लिये आव्रजन प्रणाली को सुगम बनाया जा सके. मौजूदा व्यवस्था के तहत करीब 66 फीसद ग्रीन कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनके पारिवारिक संबंध हों.