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रिजर्व बैंक ने पिछले साल ही दिया था पीएमसी चेयरमैन को पद से हटाने का सुझाव

रिजर्व बैंक ने दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल तथा उससे जुड़ी अन्य कंपनियों को बिना सही प्रक्रिया का पालन किये ऋण आवंटित करने के मामले में सिंह की संलिप्तता मिलने पर यह सुझाव दिया था. रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को सुझाव दिया था.

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Published : Sep 30, 2019, 1:28 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 2:09 PM IST

रिजर्व बैंक ने पिछले साल ही दिया था पीएमसी चेयरमैन को पद से हटाने का सुझाव

मुंबई: रिजर्व बैंक ने विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑरपेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

रिजर्व बैंक ने दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल तथा उससे जुड़ी अन्य कंपनियों को बिना सही प्रक्रिया का पालन किये ऋण आवंटित करने के मामले में सिंह की संलिप्तता मिलने पर यह सुझाव दिया था. रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को सुझाव दिया था.

हालांकि इसके बाद भी सिंह हाल तक पद पर बने रहे. रजिस्ट्रार या सिंह से इस बारे में फिलहाल संपर्क नहीं हो सका है.

सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा, "रिजर्व बैंक ने 2017-18 के वार्षिक निरीक्षण में पाया कि चेयरमैन सिंह बिना उचित प्रक्रिया का पालन किये तथा नियामकीय सीमा से अधिक ऋण आवंटित कर एचडीआईएल की मदद कर रहे थे."

ये भी पढ़ें- दो दिन के ब्रेक के बाद फिर बढ़े पेट्रोल, डीजल के दाम

रिजर्व बैंक ने पीएमसी को एचडीआईएल का सारा ऋण एनपीए में दर्ज करने के लिये भी कहा था. हालांकि तब पीएमसी ने कहा था कि एचडीआईएल को सिर्फ 258 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है और उसके एवज में गारंटी रखी गयी है.

मुंबई: रिजर्व बैंक ने विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑरपेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

रिजर्व बैंक ने दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल तथा उससे जुड़ी अन्य कंपनियों को बिना सही प्रक्रिया का पालन किये ऋण आवंटित करने के मामले में सिंह की संलिप्तता मिलने पर यह सुझाव दिया था. रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को सुझाव दिया था.

हालांकि इसके बाद भी सिंह हाल तक पद पर बने रहे. रजिस्ट्रार या सिंह से इस बारे में फिलहाल संपर्क नहीं हो सका है.

सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा, "रिजर्व बैंक ने 2017-18 के वार्षिक निरीक्षण में पाया कि चेयरमैन सिंह बिना उचित प्रक्रिया का पालन किये तथा नियामकीय सीमा से अधिक ऋण आवंटित कर एचडीआईएल की मदद कर रहे थे."

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रिजर्व बैंक ने पीएमसी को एचडीआईएल का सारा ऋण एनपीए में दर्ज करने के लिये भी कहा था. हालांकि तब पीएमसी ने कहा था कि एचडीआईएल को सिर्फ 258 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है और उसके एवज में गारंटी रखी गयी है.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 2:09 PM IST
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