नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा, भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को अपनी नितियों में संरचनात्मक बदलाव कर के आर्थिक वृद्धि तेज करने की बड़ी भूमिका निभानी होगी.
उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि राज्यों को मिलकर काम करना होगा और एक दूसरे से सीखना होगा ताकि भारत का तेजी से कायाकल्प हो सके.
कांत ने कहा कि हाल के दिनों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिन बातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं उनमें से एक वर्ष 2024 तक भारत को पांच हजार अरब और 2030 तक 10,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य भी है.
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उन्होंने कहा, "इसलिए, हमारी चुनौती वास्तव में यह है कि भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि राज्यों के पास अपनी जीडीपी को दोगुना और तिगुना करने का लक्ष्य नहीं होगा. और इसके लिए उन्हें बड़े संरचनात्मक सुधार करने होंगे और इन सुधारों को व्यापक रूप से विभिन्न क्षेत्रों में करना होगा."
उन्होंने कहा कि कृषि और श्रम जैसे क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है. भारतीय अर्थव्यवस्था अभी अनुमानित 2,700 अरब डॉलर की है. केंद्र सरकार ने अगले कुछ वर्षों में भारत को पांच हजार अरब की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कई उपायों और पहल की की घोषणा की है.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने भारतके संघीय ढांचे को मजबूत करने और 5,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनाने में उनका योगदान बढ़ाने केलिए उन्हें और अधिकार सम्पन्न बनाने के मिशन के साथ 'राज्यों की नीति विषय पर सम्मेलन-2019' का आयोजन किया था.