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सीतारमण की अध्यक्षता में पहली जीएसटी परिषद की बैठक में एनएए को विस्तार पर होगा विचार

बैठक के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण भी शामिल है. इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा.

सीतारमण की अध्यक्षता में पहली जीएसटी परिषद की बैठक में एनएए को विस्तार पर होगा विचार
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Published : Jun 20, 2019, 4:35 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक होगी. इस बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को एक साल का विस्तार देने पर विचार किया जाएगा.

इसके अलावा बैठक में एकल बिंदु रिफंड प्रणाली और ई-चालान (ई-इनवॉइस) जारी करने के लिए कंपनियों के लिए एक प्रणाली पर भी चर्चा होगी.

सीतारमण ने पिछले महीने ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. स्वास्थ्य कारणों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- एलएंडटी ने श्रीलंका में जलापूर्ति परियोजना का ठेका हासिल किया

बैठक के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण भी शामिल है. इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा.

परिषद की बैठक में अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के लिए राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा होगी. इसके जरिये विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों को लेकर समाधान किया जाएगा जिससे करदाताओं के सामने चीजों में स्पष्टता आ सके.

समझा जाता है कि परिषद की बैठक में जीएसटी कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी. इससे कारोबारियों और कंपनियों को जीएसटी भुगतान में हुई गलती को सुधारने में मदद मिलेगी. साथ ही जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू होगा.

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के संदर्भ में परिषद इसका कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी.

सरकार ने एक जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो साल के लिए एनएए के गठन को मंजूरी दी थी. एनएए का गठन जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए किया गया था.

इसके अलावा परिषद जीएसटी रिफंड की मंजूरी और उसकी जांच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था पर भी विचार करेगी.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक होगी. इस बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को एक साल का विस्तार देने पर विचार किया जाएगा.

इसके अलावा बैठक में एकल बिंदु रिफंड प्रणाली और ई-चालान (ई-इनवॉइस) जारी करने के लिए कंपनियों के लिए एक प्रणाली पर भी चर्चा होगी.

सीतारमण ने पिछले महीने ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. स्वास्थ्य कारणों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- एलएंडटी ने श्रीलंका में जलापूर्ति परियोजना का ठेका हासिल किया

बैठक के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण भी शामिल है. इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा.

परिषद की बैठक में अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के लिए राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा होगी. इसके जरिये विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों को लेकर समाधान किया जाएगा जिससे करदाताओं के सामने चीजों में स्पष्टता आ सके.

समझा जाता है कि परिषद की बैठक में जीएसटी कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी. इससे कारोबारियों और कंपनियों को जीएसटी भुगतान में हुई गलती को सुधारने में मदद मिलेगी. साथ ही जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू होगा.

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के संदर्भ में परिषद इसका कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी.

सरकार ने एक जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो साल के लिए एनएए के गठन को मंजूरी दी थी. एनएए का गठन जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए किया गया था.

इसके अलावा परिषद जीएसटी रिफंड की मंजूरी और उसकी जांच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था पर भी विचार करेगी.

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सीतारमण की अध्यक्षता में पहली जीएसटी परिषद की बैठक में एनएए को विस्तार पर होगा विचार

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक होगी. इस बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को एक साल का विस्तार देने पर विचार किया जाएगा. 

इसके अलावा बैठक में एकल बिंदु रिफंड प्रणाली और ई-चालान (ई-इनवॉइस) जारी करने के लिए कंपनियों के लिए एक प्रणाली पर भी चर्चा होगी. 

सीतारमण ने पिछले महीने ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. स्वास्थ्य कारणों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था. 

बैठक के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण भी शामिल है. इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा. 

परिषद की बैठक में अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के लिए राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा होगी. इसके जरिये विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों को लेकर समाधान किया जाएगा जिससे करदाताओं के सामने चीजों में स्पष्टता आ सके. 

समझा जाता है कि परिषद की बैठक में जीएसटी कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी. इससे कारोबारियों और कंपनियों को जीएसटी भुगतान में हुई गलती को सुधारने में मदद मिलेगी. साथ ही जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू होगा. 

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के संदर्भ में परिषद इसका कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी. 

सरकार ने एक जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो साल के लिए एनएए के गठन को मंजूरी दी थी. एनएए का गठन जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए किया गया था.

इसके अलावा परिषद जीएसटी रिफंड की मंजूरी और उसकी जांच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था पर भी विचार करेगी. 


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