नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को रियल एस्टेट कंपनियों से कहा कि वे नकदी की स्थिति को बेहतर बनाने तथा कर्ज पर ब्याज की बचत करने के लिये नहीं बिक पाये घरों के स्टाक को उनकी लागत के आधार पर ही बेचने का प्रयास करें. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने रियल्टी कंपनियों के संगठन नारेडको के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र पहले से ही मांग में कमी की समस्या से जूझ रहा था.
कोरोना वायरस महामारी से इस क्षेत्र पर और असर पड़ा है. बिल्डरों को अपनी ओर से पूरे समर्थन का आश्वासन देते हुए उन्हें मौजूदा संकट से बाहर निकलने के उपायों का सुझाव लेकर आवास व वित्त मंत्रालयों तथा प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करने को कहा.
उन्होंने घरों की मांग पैदा करने तथा कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट से पार पाने के लिये बिल्डरों को कई सुझाव दिये. इन सुझावों में ग्रामीण क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार करना, सड़क निर्माण के क्षेत्र में उतरना और अपनी आवास वित्त कंपनियां बनाना आदि शामिल हैं.
गडकरी ने वाहन उद्योग का हवाला देते हुए कहा कि जैसे कई वाहन विनिर्माता कंपनियों ने अपनी वित्तपोषण कंपनियां बनायी हैं, उसी तरह रियल एस्टेट कंपनियां भी बैंकों पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहते हुए घर खरीदारों को कम दर पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिये आवास वित्त कंपनियां बनायें. उन्होंने कहा कि सरकार और निजी कंपनियों के वित्त पोषण के माध्यम से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मजबूत बनाये जाने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि एनबीएफसी को ऐसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से पैसे जुटाने चाहिये, जहां ब्याज की दरें कम हों. गडकरी ने घर खरीदारों के लिये लंबी अवधि के कर्ज पर कम ब्याज दरों की वकालत की, ताकि घर खरीदारों की मासिक किस्तें कम हों.
मंत्री ने नहीं बिक पाये घरों के भंडार को रखे बिल्डरों को कहा, "लालची न बनिये. आपको प्रीमियम दर पर भाव नहीं मिलने वाला है. आपको जो भी कीमत मिल पा रही है, उसी कीमत पर घरों को बेचिये ताकि आपके पास नकदी की उपलब्धता बेहतर हो और ब्याज का व्यय बच सके."
(पीटीआई-भाषा)